करंट टॉपिक्स

हाथरस घटना – भ्रम फैलाने को पाकिस्तान, मध्य एशिया से भी फर्जी ट्वीट हुए

Spread the love
फोटो – उत्तरप्रदेश पुलिस

लखनऊ (विसंकें). हाथरस घटना की आड़ में समाज में संघर्ष पैदा करने के लिए न केवल भारत में, बल्कि भारत से बाहर भी षड्यंत्र रचे जा रहे थे. सोशळ मीडिया पर फर्जी ट्वीट्स की जांच कर रही पुलिस के हाथ अहम सुराग लगे हैं. जांच में पता चला है कि हाथरस घटना को लेकर भ्रम फैलाने के लिए पाकिस्तान और मध्य एशिया के ट्विटर हैंडल से भी ट्वीट किए गए. यह जानकारी सामने आने के पश्चात एजेंसियां गहनता से जांच में जुट गई हैं. सोशल मीडिया पर हाथरस कांड को लेकर भ्रम फैलाने के मामले में पीएफआई की संलिप्तता का पहले ही खुलासा हो चुका है.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जांच एजेंसियों का दावा है कि सरकार को बदनाम करने के लिए सोशल मीडिया पर बड़ी साजिश रची गई थी. घटना को जातीय हिंसा का रंग देने के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से कई झूठे तथ्य प्रचारित किए गए. सरकार को निशाना बनाते हुए बड़ी संख्या में पाकिस्तान और मध्य एशिया के देशों से ट्वीट कराए गए. पुलिस और जांच एजेंसियां अब पता लगाने में जुटी हैं कि क्या इसके पीछे भारत में सक्रिय किसी संगठन की साजिश तो नहीं थी.

एजेंसियां सक्रिय हुईं तो फर्जी अकाउंट व ट्वीट डिलीट हुए

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सुरक्षा एजेंसियों की जांच में सामने आया है कि सरकार को बदनाम करने तथा समाज में संघर्ष पैदा करने के उद्देश्य से रची गई साजिश के लिए बाकायदा फंडिंग की गई है. हाथरस के चंदपा थाने में गंभीर धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज होने के बाद सुरक्षा एजेंसियां सक्रिय हुईं तो बड़ी संख्या में फर्जी अकाउंट्स (सोशल मीडिया) बंद हो गए और नफरत फैलाने वाले झूठे ट्वीट हटा दिए गए. ये ट्वीट देश के अन्य राज्यों के साथ-साथ बाहरी देशों से भी किए गए थे. सोशल मीडिया पर यह प्रचारित किया गया था कि लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार हुआ है, उसकी जीभ काट ली गई है और हाथ-पैर तोड़ दिए गए हैं. इसमें से कई तथ्य अभी तक की जांच में गलत पाए जा चुके हैं. हालांकि मामले की जांच अब सीबीआई ने अपने हाथ में ले ली है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *