भोपाल. भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय अधिवेशन के शुभारंभ अवसर पर महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 स्वामी पंचमानंद जी ने कहा कि गौ, गंगा धरती के प्रत्यक्ष देवता हैं. रघुवंश की उत्पत्ति भी गौमाता के आशीर्वाद से हुई है. गौ आधारित जैविक खेती अपनाकर किसान व कृषि जहरमुक्त, समृद्धशाली व स्वस्थ भारत के निर्माण में अपनी भागीदारी निभा सकते हैं. उन्होंने कहा कि किसान जैविक खाद और प्राकृतिक खेती को अपनाये व रासायनिक उर्वरक के स्थान पर गौमूत्र से निर्मित कीटनाशक का उपयोग करें.
स्वागत उद्बोधन में राष्ट्रीय मंत्री मोहिनी मोहन मिश्र ने भारतीय किसान संघ के प्रतिवेदन को रखते हुए किसान संघ की संगठनात्मक गतिविधियों से अवगत कराया. कहा कि लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य किसान का हक है. भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय अध्यक्ष आईएन बसवेगौड़ा ने कहा कि कृषि व किसान को आत्मनिर्भर बनाने के लिये स्वावलंबी व रोजगारयुक्त ग्राम की अवधारणा पर काम करना होगा. तभी खेती को लाभ का धंधा बनाया जा सकेगा.
देश व दुनिया के सबसे बड़े किसान संगठन में शुमार भारतीय किसान संघ के 13वें अखिल भारतीय अधिवेशन का शुभारंभ भारत माता व कृषि देवता भगवान बलराम पूजन के साथ दीप प्रज्ज्वलित कर पुरानी गल्ला मण्डी स्थित महादेवी परिसर में हुआ. सर्वप्रथम मुख्य अतिथि महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 स्वामी पंचमानंद जी व भारतीय किसान संघ के केन्द्रीय पदाधिकारियों की उपस्थिति में ध्वजारोहण, गौ माता व फ़सल पूजन का कार्यक्रम संपन्न हुआ.
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सम्पर्क प्रमुख व भारतीय किसान संघ के संपर्क अधिकारी रामलाल जी, किसान संघ के राष्ट्रीय संगठन मन्त्री दिनेश कुलकर्णी जी सहित देश भर से आए किसान संघ के पदाधिकारियों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही.
तीन दिवसीय अधिवेशन में देश भर के सभी प्रदेशों के किसान संघ के पदाधिकारी व 500 से अधिक जिलों के किसान प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं. अधिवेशन में भारतीय किसान संघ द्वारा दस सत्रों में कृषि व किसान के विभिन्न विषयों पर चर्चा होगी. अधिवेशन के दूसरे दिन शोभायात्रा व किसान सभा का आयोजन होगा. जिसमें देश भर से आये हजारों किसान बन्धु सम्मिलित होंगे.
प्लास्टिक मुक्त रखा गया है परिसर
अखिल भारतीय अधिवेशन स्थल को प्लास्टिक मुक्त रखा जा रहा है. किसान संघ के क्षेत्र संगठन मंत्री महेश चौधरी ने बताया कि अधिवेशन में भोजन व्यवस्था हो या अन्य व्यवस्थाएं, सभी जगह हम प्लास्टिक मुक्त व्यवस्थाएं कर रहे हैं. जिससे प्लास्टिक मुक्त अभियान को बल मिलेगा और प्रकृति की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी.