अजमेर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय बौद्धिक शिक्षण प्रमुख स्वांतरंजन जी ने कहा कि भारतवर्ष की विशेषता रही है कि हम कभी पराधीन नहीं रहे, सदैव संघर्ष करते रहे और विदेशी आक्रमणकारियों को मुंहतोड उत्तर देते रहे. सिन्धुपति महाराजा दाहरसेन के काल से ही हुये आक्रमणों का सदैव डटकर सामना करते रहे. आज का दिन 23 मार्च विशेष महत्व का है. जहां हेमू कालाणी का जन्मशताब्दी वर्ष का शुभारंभ है, वहीं भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरू का बलिदान दिवस भी है. यह सभी वीर महापुरूष भारत माता की मिट्टी को माथे पर लगाकर बलिदान हो गए.
वे भारतीय सिन्धु सभा, राजस्थान की ओर से राज्य स्तरीय शहीद हेमू कालाणी जन्मशताब्दी वर्ष के शुभारंभ अवसर पर सिन्धुपति महाराजा दाहरसेन स्मारक, अजमेर में संबोधित कर रहे थे. स्वाधीनता के अमृतोत्सव में ऐसे वीर महापुरूषों के जीवन से स्व का भाव मिलता है, अपने स्व के लिये स्व भाषा, स्व भूषा को हमको स्मरण करना है.
सभा के प्रदेश मार्गदर्शक कैलाशचन्द्र ने कहा कि हेमू कालाणी का जीवन देशभक्ति का उदाहरण है कि बालक जब युवा बनता है तो संस्कारों को प्रकट करता है और मां भारती के लिए बलिदान देने का भाव रखता हैं. सभा का प्रत्येक कार्यकर्ता राज्यभर में समाज में यह भाव जगाने का कार्य करेगा.
प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल वाधवाणी ने बताया कि 23 मार्च 2022 से 23 मार्च 2023 तक सभी ईकाईयों की ओर से पूज्य सिन्धी पंचायत, सामाजिक व धार्मिक संगठनों के सहयोग से अलग अलग देशभक्ति के कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे. स्वाधीनता की 75वीं वर्षगांठ अमृत महोत्सव के तहत सभा की ओर से कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं. राष्ट्रीय स्तर पर समापन जयपुर में आयोजित किया जाएगा.
श्री शांतानन्द उदासीन आश्रम, पुष्करराज के महंत हनुमानराम उदासीन ने आर्शीवचन देते हुये कहा कि राष्ट्र व धर्म के प्रति जो समर्पित होता है, वही सम्मान का अधिकारी होता है. आज हमें गर्व है कि हेमू कालाणी के जन्मशताब्दी वर्ष पर युवा व समाज को जोड़ने का जो कार्य सिन्धु सभा कर रही है, वह सराहनीय है.
अनाधि सरस्वती, ने आशीर्वचन में कहा कि अखिल भारतीय सिन्धु सन्त समाज की ओर से भाषा व संस्कृति को बढ़ावा देने के लिये किये कार्यों में भारतीय सिन्धु सभा सदैव सहयोगी रही है.
सभा के राष्ट्रीय मंत्री महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने कहा कि देशभर में आज ऐसे देशभक्ति के कार्यक्रम सभी ईकाईयों की ओर से पूज्य सिन्धी पंचायत, सामाजजिक व धार्मिक संगठनों के सहयोग से हो रहे हैं. शहीद हेमू कालाणी को भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग के साथ सभा की ओर से केन्द्र सरकार से शिक्षा विभाग व कला संस्कृति विभाग की ओर से वर्ष भर कार्यक्रम आयोजन की भी मांग की गई है एवं पाठ्यक्रम में जीवन परिचय जोड़ने के लिए पत्र लिखकर मांग की गई है.
सिन्धुपति महाराजा दाहरसेन समारोह समिति के सचिव कवंलप्रकाश किशनानी ने कहा कि समिति की ओर से महाराजा दाहरसेन सहित सभी महापुरूषों की मूर्तियों पर जयंती व बलिदान दिवस के अवसर पर कार्यक्रम किये जाते हैं.
मंचासीन अतिथियों द्वारा शहीद हेमू कालाणी के जीवन पर व वर्ष भर के कार्यक्रमों के कैलेण्डर व स्टीकर की प्रचार सामग्री का भी विमोचन किया गया, जिसे घर घर पहुंचाने का कार्य कार्यकर्ताओं द्वारा किया जाएगा.
महामण्डलेश्वर हंसराम उदासीन हरीशेवा उदासीन आश्रम, व महंत श्यामदास, बालकधाम व सभा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष भगतराम छाबड़ा ने ऑनलाइन आर्शीवाद देते हुये कहा कि ऐसे वीर पुरूष का इतिहास जन जन तक पहुंचाने के कार्य में कार्यकर्ता सेवाभावी बनेंगे.
कार्यक्रम की शुरूआत हिंगलाज माता पूजन, महापुरूषों को श्रद्धासुमन अर्पित करने के साथ देशभक्ति आधारित कार्यक्रम का आयोजन किया गया.