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उच्च न्यायालय का हस्तक्षेप से इंकार, समुदाय की परंपराओं व रीति रिवाजों का अध्ययन करे याची

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प्रयागराज. प्रयागराज में गंगा किनारे घाटों पर शवों को दफनाने से रोकने और दफनाए गए पार्थिव शरीरों का दाह संस्कार करने की मांग को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय में दायर जनहित याचिका पर न्यायालय ने हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया. न्यायालय ने कहा कि याची ने गंगा किनारे निवास करने वाले लोगों के अंतिम संस्कार की परिपाटी व चलन को लेकर कोई शोध नहीं किया है.

याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायालय ने कहा कि याची गंगा किनारे विभिन्न समुदायों में अंतिम संस्कार को लेकर परंपराओं और रीति-रिवाज पर शोध व अध्ययन करे. इसके बाद नए सिरे से बेहतर याचिका दाखिल कर सकता है.

मुख्य न्यायमूर्ति संजय यादव व न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की पीठ ने जनहित याचिका की सुनवाई की. याचिका में मांग की गई थी कि बड़ी संख्या में गंगा के किनारे दफनाए गए शवों को निकालकर उनका दाह संस्कार किया जाए. साथ ही गंगा के किनारे शवों को दफनाने से रोका जाए. न्यायालय ने कहा कि याचिका देखने से ऐसा लगता है कि याची ने विभिन्न समुदायों की परंपराओं और रीति-रिवाजों का अध्ययन नहीं किया है.

याची को यह याचिका वापस लेकर नए सिरे से दाखिल करने के लिए छूट देने के अलावा अन्य आदेश नहीं दे सकते.

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