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भारत अपने सामर्थ्य के बल पर विश्व में अलग पहचान बना रहा – स्वामी जितेंद्रानन्द सरस्वती जी महाराज

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गोरक्ष. देवर्षि नारद जयंती के अवसर पर विश्व संवाद केंद्र गोरखपुर द्वारा ‘वर्तमान परिदृश्य में लोकमत परिष्कार’ विषयक गोष्ठी का आयोजन सरस्वती विद्या मंदिर सभागार में हुआ. मुख्य वक्ता स्वामी जितेंद्रान्द सरस्वती जी महराज ने कहा कि वैचारिक स्खलन होने पर व्यक्ति कहां जाता है, इसका उदाहरण यह है कि आज कुछ लोग भारत को राज्यों का समूह कहते हैं. लेकिन हमारा भारत एक राष्ट्र है. उनको अपने विचारों को बदलना पड़ेगा. जिस प्रकार देवर्षि नारद तीनों लोकों में पहुंचकर लोगों का दृष्टिकोण और उनकी जानकारी लेते थे, उसी प्रकार आज की मीडिया को भी इस ओर ध्यान देना चाहिए और समाज का दृष्टिकोण बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए.

उन्होंने कहा कि विश्व का भरण पोषण करे, वह देश भारत है. कोरोना काल में दर्जनों देशों को वैक्सीन की मदद पहुंचा कर भारत ने ऐसा किया भी है. आज भारत अपने सामर्थ्य के बल पर विश्व में अलग पहचान बना रहा. इसी प्रकार से भारत को आगे बढ़ाने और सामर्थ्यवान बनाने के लिए मजबूत सरकार की आश्यकता है, इसलिए हमें अधिक से अधिक मतदान करना होगा. उसके लिए लोकमत परिष्कार की आवश्यकता है.

कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि आईएमए अध्यक्ष डॉ. स्मिता जायसवाल ने कहा कि लोक मंगल हेतु देवलोक से ही पत्रकारिता करने वाले देवर्षि नारद की जयंती के अवसर पर हमें राष्ट्रीय भावना से लोकतंत्र को अधिक सशक्त बनाने हेतु शत प्रतिशत मतदान के लिए प्रयास करना होगा. स्वस्थ लोकतंत्र में पत्रकारिता का बहुत महत्व है, इसलिए मीडिया की भी जिम्मेदारी है कि अधिक से अधिक मतदान हो.

कार्यक्रम के अध्यक्ष पूर्व राज्य सूचना आयुक्त हर्षवर्धन शाही ने भी संबोधित किया. कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती जी महाराज, विशिष्ट अतिथि आईएमए की अध्यक्षा डॉ. स्मिता जायसवाल, पूर्व राज्य सूचना आयुक्त हर्षवर्धन शाही एवं प्रांत संघचालक डॉ. महेंद्र अग्रवाल ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया. कार्यक्रम में प्रस्तावना डॉ. उमेश सिंह ने रखी. संचालन आशुतोष त्रिपाठी ने किया.

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