इंदौर (विसंकें). इंदौर के लॉ कॉलेज में भारत व हिन्दू विरोधी षड्यंत्र चल रहा था. मामला संज्ञान में आने के पश्चात अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने उसे उठाया. बताया जा रहा है कि इंदौर के नवीन विधि महाविद्यालय में प्राचार्य सहित अधिकांश शिक्षक वर्ग विशेष से हैं.
जानकारी के अनुसार, कॉलेज के अंदर अनुसूचित जाति वर्ग के विद्यार्थियों को षड्यंत्रपूर्वक प्रतिबंधित पुस्तक पढ़ने को कहा जा रहा था. जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटाने पर सरकार का विरोध करने, लव-जिहाद के लिए प्रेरित करना, आदि को बढ़ावा देने का पर्दाफाश हुआ है.
01 नवंबर को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता, छात्रों की शिकायत पर लॉ कॉलेज के प्राचार्य इमानुरहमान के पास ज्ञापन लेकर गए. जिसमें महाविद्यालय में अवांछित कृत्य होने की जानकारी दी गई और उन्हें संरक्षण देने का आरोप लगाया गया.
प्रतिबंधित पुस्तक को षड्यंत्रपूर्वक वितरित करना
विद्यार्थी परिषद का आरोप सत्य भी निकला, महाविद्यालय के पुस्तकालय में “सामूहिक हिंसा एवं दांडिक न्याय पद्धति” नाम की पुस्तक प्राप्त हुई, जिसकी लेखक “डॉ. फरहत खान” हैं. कक्षा में माहौल बनाकर अनुसूचित वर्ग के विद्यार्थियों को पुस्तक पढ़ने के लिए प्रेरित किया जाता है, लाइब्रेरी व अन्य माध्यम से उपलब्ध करवाई जाती है. पुस्तक में कई जगह भारत विरोधी, हिन्दू विरोधी और भारतीयों में आपसी संघर्ष पैदा करने वाली, विद्वेष पैदा करने वाली बातें लिखी हुई हैं. जैसे, पुस्तक में अंग्रेजों की फूट डालो – राज करो की नीति को सही ठहराया गया है.
हिन्दुओं तथा हिन्दुओं के सभी तरह के संगठनों को हिंसक बताया गया है और हिन्दुओ को आपस में लड़ाने के लिए अनुसूचित वर्ग पर शेष हिन्दुओं ने अत्याचार किए, इस तरह की निराधार बातें लिखी हुई हैं. पुस्तक कानून पर है, इसलिए इसमें संदर्भ होने चाहिए थे. लेकिन इसमें किसी तरह का संदर्भ नहीं है.
मध्यप्रदेश सरकार ने कहा कि यह पुस्तक प्रतिबंधित है, यहां कैसे आई इसकी जांच होगी और सख्त कार्रवाई होगी. महाविद्यालय में शिक्षकों द्वारा भारत विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहने और महाविद्यालय में उन्हें लगातार बढ़ाने के आरोप भी विद्यार्थियों ने शिक्षकों पर लगाए हैं.
370 हटाने का विरोध
कुछ विद्यार्थियों ने मीडिया को बताया कि फिरोज अहमद मीर जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने का विरोध करते हैं और कहते हैं कि 370 हटने से घाटी अशांत है, उसे फिर से लागू करना चाहिए.
एक विद्यार्थी ने बताया कि वह नई शिक्षा नीति का विरोध करते है और उसके लिए महाविद्यालय में हस्ताक्षर अभियान चलाते हैं.
छात्राओं ने बताया कि एक अन्य प्रोफेसर लड़कियों को रात में पब, बार, कैफे इत्यादि में ले जाते हैं.
लड़कियों को दिल इत्यादि की इमोजिस मैसेज करते हैं. हमारे कॉलेज से लव जिहाद के मामले भी बढ़ रहे हैं.
कॉलेज कैंपस को प्रोपेगेंडा कैंपस बनाने के पुख्ता आरोप जिन शिक्षकों पर लगे हैं, जिन्हें कुछ दिनों के लिए जांच हेतु निलंबित किया है —
प्रो. अमीक खोखर, डॉ. मिर्जा मोजिज बेग, डॉ. फिरोज अहमद मीर, प्रो. सुहैल अहमद, मिलिंद कुमार और पूर्णिमा. महाविद्यालय के प्राचार्य इमानुल रहमान पर इन सभी को संरक्षण देने का आरोप है.
परिवार और रिश्तेदारों की नियुक्तियां की
प्राचार्य इमानुल रहमान और सह प्राध्यापक मिर्जा मोजिज बेग पर आरोप लगा है कि उन्होंने अस्थायी नियुक्तियों में साजिश के तहत अपने परिवारजनों, रिश्तेदारों को ही नियुक्त किया.
मामला उजागर होने के पश्चात प्राचार्य इमानुल रहमान ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कहा कि मैं आंदोलन से आहत होकर इस्तीफा दे रहा हूं. पर कहा जा रहा है कि, सहानुभूति हासिल करने के लिए त्याग पत्र दिया है.
कुछ विचारणीय तथ्य —
- इसी सप्ताह जेएनयू की दीवारों पर ब्राह्मण -बनिया भारत छोड़ो जैसे नारे साजिश के तहत लिखे गए.
- इंदौर के लॉ कॉलेज में भी हिन्दुओं के मध्य आपसी संघर्ष पैदा करने का साहित्य वितरित किया जा रहा है. ये विद्यार्थी सामान्य कार्यक्षेत्र के विद्यार्थी नहीं, भावी कानूनविद हैं, जिनके मन में विष भरा जा रहा है.
- कुछ विद्यार्थियों ने कहा कि अधिकांश शिक्षक मुस्लिम हैं और वे नमाज के समय चलती क्लास छोड़कर चले जाते हैं.
- नई शिक्षा नीति और 370 के हटाने पर सरकार का विरोध करके कॉलेज कैंपस को प्रोपेगेंडा कैंपस बनाने का प्रयास किया जा रहा है.
- आज देश में लव जिहाद के सैकड़ों मामले सामने आ रहे हैं और इसमें अब शिक्षकों की भी संलिप्तता उजागर हुई है, इसे भी समझना पड़ेगा.
- यह केवल कॉलेज का “आंतरिक षड्यंत्र” नहीं, बल्कि बाहर से भी तंत्र (system) में इनके सहायक होंगे, उनकी भी जांच होनी चाहिए.
- ध्यान देने पर एक महाविद्यालय में षड्यंत्र उजागर हुआ है. प्रदेश के अन्य महाविद्यालयों, उनके ग्रंथालयों की भी जांच होनी चाहिए, ताकि अन्य कहीं – कोई षड्यंत्र तो नहीं चल रहा.