नई दिल्ली. आज राष्ट्रीय पर्व पर कथित किसान आंदोलनकारियों द्वारा दिल्ली में लालकिले प्रांगण में राष्ट्रीय ध्वज वाले स्थान सहित अलग-अलग गुंबदों पर कथित किसान संगठनों के नाम पर अन्य झंडे फहराने के अक्षम्य अपराध, हिंसा, पुलिस जवानों पर हमले जैसी घटनाओं की अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने कड़ी निंदा की. घटना के लिए उत्तरदायी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की.
परिषद ने कहा कि 26 जनवरी की सुबह जब भारतीय गणतंत्र अपने 72वें वर्ष में प्रवेश कर राजपथ पर भारतीय गौरव की प्रतीक परेड के माध्यम से उत्सव में सराबोर था, उसके समानांतर कांग्रेस, वामपंथी संगठनों द्वारा समर्थित कथित किसान परेड के दौरान हुई हिंसा, सार्वजनिक संपत्ति में तोड़फोड़ तथा राष्ट्रीय प्रतीकों के अपमान आदि निंदनीय कृत्यों ने सम्पूर्ण देश को हतप्रभ तथा निराश किया है.
अभाविप की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने कहा, “किसान परेड के नाम पर जिस तरह की हिंसा, अराजकता तथा देश का अपमान हुआ, वह अलोकतांत्रिक तथा अराजकता की पराकाष्ठा है. कांग्रेस, वामपंथी दलों सहित जिन भी लोगों तथा संगठनों ने इस कथित किसान आंदोलन को हवा दी, वे सभी इस अपमान के लिए देश से क्षमा याचना करें. देश की वर्तमान प्रजातांत्रिक व्यवस्था को प्राप्त करने के लिए भारतीय महापुरुषों ने जो अतुलनीय योगदान दिया था, उसका भी आज हुई अराजकता के दोषियों ने ध्यान नहीं रखा. अभाविप भारत सरकार से आज की घटनाओं के जिम्मेदारों को खोजकर उन पर कड़ी कार्रवाई की मांग करती है.”