नई दिल्ली. भारतीय जीवन दृष्टि समस्त विश्व को परिवार मानने की है. भारतीय संस्कृति में हम सबके कल्याण की कामना करते हैं. इसी दृष्टि के चलते भारत सबके साथ एक समान व्यवहार करता है. कोरोना संकट के दौरान भी भारत का यह व्यवहार देखने को मिला. इसका एक उदाहरण अभी देखने को मिला, जब भारत ने एक निवेदन पर मात्र 72 हजार की जनसंख्या वाले देश को कोरोना वैक्सीन उपलब्ध करवाई.
भारत से कोरोना वैक्सीन पहुंचने पर डोमिनिकन गणराज्य के प्रधानमंत्री रूजवेल्ट स्केरिट ने भारत के प्रधानमंत्री और भारत के लोगों की प्रशंसा की. भारत ने द्वीपीय देश में कोरोना वैक्सीन की 35,000 डोज भेजी हैं. इससे यहां की 72 हजार की आबादी में से आधे लोगों की जीवन रक्षा हो सकेगी.
डोमिनिकन प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे इतनी जल्दी भारत से वैक्सीन के तौर पर मदद मिलने की उम्मीद नहीं थी. उन्होंने 19 जनवरी को भारत सरकार से दवा भेजने की आग्रह किया था. मंगलवार को डोमिनिका के डगलस-चार्ल्स एयरपोर्ट पर भारत से वैक्सीन से भरा विमान पहुंचा. यह वैक्सीन पड़ोसी देश बारबाडोस के एयर नेशनल गार्ड के प्लेन से पहुंचीं. वैक्सीन को रिसीव करने के लिए स्वयं प्रधानमंत्री स्केरिट और उनके कैबिनेट सहयोगी उपस्थित थे. उन्होंने स्वयं दवाओं को प्लेन से उतारने में सहयोग किया.
वैक्सीन पहुंचने के बाद आयोजित एक औपचारिक कार्यक्रम में डोमिनिकन पीएम ने कहा, ‘मैं यह कहूंगा कि मुझे इस बात की कल्पना भी नहीं थी कि हमारी गुजारिशों पर इतनी जल्दी जवाब मिलेगा. कोई भी यह समझ सकता है कि इस तरह के गंभीर संकट में किसी भी देश के लिए अपनी ही रक्षा करना एक चुनौती है. ऐसी स्थिति में पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से किए प्रयासों के चलते यह संभव हुआ. उन्होंने मेरिट के आधार पर हमारी मांगों को स्वीकार किया और हमारे लोगों की समानता को स्वीकार किया.’
भारत ने बारबाडोस के लिए भी वैक्सीन भेजी है. किसान आंदोलन के मामले में ट्वीट करने वाली अमेरिकी पॉप सिंगर मूल रूप से बारबाडोस की ही रहने वाली हैं. इस बात को नजरअंदाज करते हुए भारत ने बारबाडोस को वैक्सीन के तौर पर मदद दी.