जयपुर.
शहर के करणी विहार थाना क्षेत्र में स्थित निम्बार्क नगर के शिव मंदिर में गुरुवार रात शरद पूर्णिमा पर खीर वितरण का आयोजन किया गया था, जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक भी हिस्सा ले रहे थे. कार्यक्रम के दौरान संघ के स्वयंसेवक भजन गा रहे थे. पड़ोस में रहने वाले नसीब चौधरी ने अकारण विरोध किया और बाद में बाप-बेटे चाकू और लाठी लेकर वहां आ गए.
स्वयंसेवकों ने समझाने का प्रयास किया, लेकिन हमलावरों ने खीर की बड़ी देगची पर लात मारी और गाली-गलौच करने लगे. उन्होंने फोन कर अपने परिवार और अन्य लोगों को बुला लिया. थोड़ी देर में काफी संख्या में लोग धारधार हथियार लेकर पहुंच गए और स्वयंसेवकों पर चाकुओं और लाठियों से हमला कर दिया. जो भी सामने आया, उस पर चाकू चलाते रहे. किसी के पेट में चाकू का घाव लगा तो किसी के सीने पर. कुछ लोगों के हाथों और कंधों पर भी चोटें आई हैं. हमले में आठ स्वयंसेवक घायल हो गए. इनमें तीन की हालत गंभीर है, चिकित्सकों ने ऑपरेशन के लिए बताया है. घायलों में शंकर बागड़ा, मुरारीलाल, राम पारीक, लाखन सिंह जादौन, पुष्पेंद्र और दिनेश शर्मा सहित अन्य का सवाई मानसिंह अस्पताल (एसएमएस) में उपचार चल रहा है.
स्वयंसेवकों पर हमले की सूचना मिलते ही काफी संख्या में लोग इकट्ठे हो गए. गुस्साई भीड़ ने दिल्ली-अजमेर हाईवे को जाम कर दिया. इसके बाद सैकड़ों की संख्या में लोग करणी विहार थाने के बाहर इकट्ठा होकर प्रदर्शन करने लगे. लोगों ने कहा कि हमारा शांतिपूर्ण कार्यक्रम चल रहा था. जबरन स्थिति को बिगाड़ा गया और चाकूबाजी की गई.
सूचना मिलने पर एडिशनल पुलिस कमिश्नर कुंवर राष्ट्रदीप और डीसीपी अमित कुमार सहित पुलिस के आला अफसर वहां पहुंचे. मौके पर रात को ही अतिरिक्त पुलिस जाब्ता तैनात किया गया. पुलिस ने हमला करने वाले नसीब चौधरी और उसके बेटे को हिरासत में ले लिया है. वहीं, अन्य हमलावरों की तलाश की जा रही है. पुलिस ने विश्वास दिलाया कि आरोपियों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा.
मुख्य बात यह कि आरोपी ने हमले की योजना पूर्व में ही बनाकर तैयारी की थी. इसके लिए अपनी गैंग के अन्य लोगों को भी बुला रखा था जो घटना के बाद भाग गए.
मुख्य आरोपी नसीब चौधरी और उसका परिवार स्वभाव से अपराधी प्रवृत्ति का है. पूर्व में भी इसका आचरण कॉलोनी में झगड़ालू रहा है.
घटना से हिन्दू समाज में आक्रोश है. सुरक्षा की दृष्टि से मौके पर पुलिस जाब्ता लगाया गया है. पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है.
हम संघ का पर्व मनाने जाते हैं तो दण्ड हमारे गणवेश का अभिन्न अंग होता हैं, इस दण्ड रखने की प्रक्रिया को हर दिन के लिए अनिवार्य कर दिया जाय।