मुंबई में रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी का देशभर में विरोध हो रहा है. मीडिया पर नकेल कसने की महाराष्ट्र सरकार के प्रयास के रोध में पत्रकार संगठन खुलकर सामने आए. वर्किंग जर्नलिस्ट ऑफ इंडिया और अन्य पत्रकार संगठनों ने प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. बड़ी संख्या में उपस्थित पत्रकारों ने उद्धव सरकार द्वारा पत्रकारों के दमन चक्र के खिलाफ आवाज उठाई और अर्नब गोस्वामी की जल्द रिहाई की मांग की.
नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स इंडिया, दिल्ली पत्रकार संघ, वर्किंग जर्नलिस्ट्स ऑफ इंडिया सहित अनेक संगठनों के सदस्य पत्रकारों के अलावा प्रमुख मीडिया संस्थानों के पत्रकार भी उपस्थित रहे. लगभग डेढ़ सौ पत्रकारों ने भारतीय प्रेस क्लब से लेकर संसद के मुख्य द्वार के समीप तक मार्च भी निकाला.
विरोध प्रदर्शन में वर्किंग जर्नलिस्ट ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव नरेन्द्र भंडारी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजय उपाध्याय, दिल्ली इकाई के अध्यक्ष संदीप कुमार शर्मा, महासचिव दवेंद्र कुमार तोमर सहित सैकड़ों पत्रकारों ने हिस्सा लिया. प्रदर्शन में शामिल पत्रकारों ने अर्नब की गिरफ्तारी और उनके साथ बदसलूकी को लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया पर कुठाराघात बताया. उन्होंने इसे मीडिया की स्वतंत्रता को दबाने की कोशिश करार दिया.
प्रदर्शन कर रहे पत्रकार अपने हाथों में ‘संविधान से गद्दारी है, महाराष्ट्र सरकार मीडिया की हत्यारी है’ और ‘उद्धव-सोनिया होश में आओ, मीडिया पर हमले बंद करो’, ‘अगर आज चुप रहे तो कल आप पर हमला होगा’ लिखे पोस्टर-बैनर भी ले रखे थे. पत्रकारों ने कहा कि मीडिया अगर कमजोर होता है, तो लोकतंत्र भी कमजोर होगा. देशभर के पत्रकारों को एकजुट होने और इस कार्रवाई का विरोध करने की अपील की गई.
नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स इंडिया के पत्रकारों ने कहा कि ये पुलिस बल का दुरूपयोग है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को वश में करने का प्रयास है. यूनियन ने इसे अमानवीय, हृदयहीन और गैर-कानूनी बताया. यूनियन ने ध्यान दिलाया कि कैसे अर्नब को उनके वकीलों की सलाह भी नहीं लेने दी गई. यूनियन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप करने की माँग करते हुए कहा कि राजनीतिक कारणों से अर्नब गोस्वामी को प्रताड़ित किया जा रहा है.
दिल्ली के अलावा देश के अन्य शहरों में भी प्रदर्शन हुए. भोपाल में पत्रकारों और आम लोगों ने अर्नब गोस्वामी के समर्थन में प्रदर्शन किया और उनकी जल्द रिहाई की मांग की.