कर्नाटक में मतांतरण के मामले बहुत तेजी से बढ़े हैं. कपट से व लालच देकर गरीब और जनजातीय समाज के लोगों को ईसाई बनाया जा रहा है. होसदुर्ग के विधायक गूलीहट्टी शेखर ने सितंबर माह में विधानसभा में मतांतरण का मुद्दा उठाया था. ईसाई मिशनरियों द्वारा विस क्षेत्र के हजारों लोगों को मतांतरित करने का खुलासा किया था. इस समस्या को देखते हुए पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों पर कर्नाटक विस की विधायी समिति ने राज्य में चर्चों व ईसाई मिशनरियों के सर्वेक्षण करवाने का आदेश दिया. सरकार सर्वेक्षण के माध्यम से अनाधिकृत चर्चों को पहचान कर कार्रवाई करने तथा मतांतरण को रोकने के लिए कार्य करेगी.
पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण पर विधायी समिति ने अनाधिकृत चर्चों का पता लगाने और ‘जबरन मतांतरण’ की जांच के लिए चर्चों का सर्वेक्षण कराने के निर्देश दिए हैं. विभिन्न अधिकारियों और जिलों के उपायुक्तों को सर्वेक्षण के निर्देश दिए गए हैं.
13 अक्तूबर को समिति की बैठक की अध्यक्षता करने वाले होसदुर्ग से भाजपा विधायक गूलीहट्टी शेखर ने कहा कि इस सर्वे का उद्देश्य कर्नाटक के कुछ हिस्सों में धड़ल्ले से हो रहे ‘जबरन मतांतरण’ की जांच करना है. पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक मामलों, गृह, राजस्व और कानूनी विभागों के प्रतिनिधियों ने बैठक में बताया कि कर्नाटक में लगभग 1,790 चर्च हैं. समिति ने इन प्रतिनिधियों से यह पता लगाने को कहा है कि इन चर्चों में से कितने अवैध रूप से स्थापित किए गए हैं. गृह विभाग के अनुसार, राज्य में जबरन मतांतरण के 36 मामले दर्ज किए गए हैं.
शेखर ने कहा, ‘जबरन मतांतरण का आतंक इतना है कि दोषी घरों को भी चर्च और बाइबिल सोसाइटी में तब्दील कर रहे हैं. हमें इस तरह के प्रतिष्ठानों, पादरियों की संख्या पता लगाकर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की आवश्यकता है.’
उन्होंने कहा, ‘हमने जिला प्राधिकारियों को अधिकृत, अनाधिकृत गिरजाघरों और पादरियों की संख्या पर विस्तारपूर्वक रिपोर्ट देने को कहा है. जिला प्राधिकारियों खासतौर से यादगिर, चित्रदुर्ग और विजयपुरा जिलों को निर्देश दिए गए हैं, जहां कथित तौर पर बड़े पैमाने पर मतांतरण हो रहा है.’ ‘हमने पुलिस को सर्वेक्षण के दौरान अधिकारियों के साथ जाने का भी निर्देश दिया है, क्योंकि कई बार अधिकारियों पर हमले किए गए हैं.’
इसके साथ ही जिला प्राधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि जब भी मतांतरण से संबंधित शिकायत मिले तो मामला दर्ज किया जाए.
होसदुर्ग विधायक शेखर ने 21 सितंबर को विधानसभा में मतांतरण का मुद्दा उठाया था और आरोप लगाया था कि चित्रदुर्ग जिले में उनकी 72 वर्षीय मां ने ईसाई धर्म अपना लिया है. उनके अनुसार, उनकी मां को उनकी जानकारी के बिना ही दूसरे धर्म में परिवर्तित कर दिया था. ईसाई मिशनरियों ने उन लोगों पर झूठे अत्याचार और बलात्कार के आरोप लगाए हैं, जिन्होंने मिशनरियों के मतांतरण गतिविधियों पर सवाल उठाए थे.
होसदुर्गा भाजपा विधायक ने कहा था कि उनकी मां अपने घर में किसी को भी हिन्दू देवताओं की पूजा नहीं करने देती हैं और यहां तक कि अपने सेल फोन की रिंगटोन को उन्होंने ईसाई प्रार्थनाओं में बदल दिया है.