जम्मू कश्मीर. देशविरोधी गतिविधियों और आतंकियों के साथ मिलीभगत के आरोप में जम्मू-कश्मीर सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है. 3 सरकारी कर्मचारियों को तत्काल रूप से बर्खास्त कर दिया है. जानकारी के अनुसार, बर्खास्त कर्मचारियों में कश्मीर विश्वविद्यालय में रसायन विज्ञान का प्रोफेसर, शिक्षा विभाग में तैनात शिक्षक और जम्मू कश्मीर पुलिस का एक कांस्टेबल शामिल है. इन सभी के बारे में आतंकियों से गठजोड़ की सूचना मिलने के बाद सरकार ने जांच करवाई थी.
आरोपों की जांच कराए जाने के बाद कर्मचारियों पर लगे सभी आरोपों को सही पाया गया. जांच में वास्तविकता सामने आने के बाद प्रदेश सरकार ने तीनों को बर्खास्त कर दिया है. बर्खास्त किए तीनों सरकारी कर्मचारियों से जल्द ही पूछताछ भी हो सकती है.
आपको यह जानकार हैरानी होगी कि प्रदेश सरकार ने जिन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की है, उनमें दो ऐसे लोग हैं जो युवाओं के जीवन को दिशा देने का काम करते हैं. जबकि एक आम जनमानस की सुरक्षा की भावना को कायम रखने वाला है. नौकरी से बर्खास्त कर्मचारियों में कश्मीर विश्वविद्यालय में कैमिस्ट्री के प्रोफेसर अल्ताफ हुसैन, स्कूल शिक्षा विभाग में शिक्षक मोहम्मद मकबूल हाजम और जम्मू-कश्मीर पुलिस में कांस्टेबल गुलाम रसूल शामिल हैं.
रिपोर्ट्स के अनुसार, कश्मीर विश्वविद्यालय का प्रोफेसर अल्ताफ हुसैन पंडित आतंकी संगठन जमात-ए-इस्लाम से जुड़ा है. वह आतंकी प्रशिक्षण के लिए पाकिस्तान भी गया था. 1993 में सुरक्षा बलों द्वारा गिरफ्तारी से पहले वह 3 साल तक आतंकी संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) का सक्रिय आतंकवादी बना रहा.
संविधान के अनुच्छेद 311 (2)(सी) के तहत किया गया बर्खास्त
संदिग्ध गतिविधियों में शामिल कर्मचारियों के चाल चलन की समीक्षा करने वाली कमेटी की सिफारिश पर उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने संविधान के अनुच्छेद 311 (2)(सी) के तहत इन्हें बर्खास्त करने का आदेश जारी किया.
10 जुलाई, 2021 को अंतरराष्ट्रीय आतंकी सैयद सलाहुद्दीन के 2 बेटों सहित 11 कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था. सभी कर्मचारी टेरर फंडिंग, अलगाववाद और आतंकियों को पनाह देने जैसी देशद्रोही गतिविधियों में संलिप्त पाए गए थे.
इससे पहले 31 मार्च को उप-राज्यपाल प्रशासन ने 2 पुलिस कांस्टेबल, शिक्षक सहित 5 सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया था. आतंकियों और अलगाववादियों से गठजोड़ रखने वाले ये कर्मचारी जांच पड़ताल में न सिर्फ दहशतगर्दों के करीबी पाए गए, बल्कि आतंकी वारदातों को अंजाम देने से लेकर युवाओं को आतंक की राह पर धकेलने जैसी गतिविधियों में शामिल पाए गए. पिछले साल से लेकर अब तक विशेष प्रावधान के तहत 37 कर्मचारियों को बर्खास्त किया जा चुका है.