नई दिल्ली. छोटे से खेत में मिट्टी के गड्ढे को कुश्ती के लिए मैदान (अस्थायी) के रूप में बदला गया, और कल्याणी गाडेकर के लिए यही आदर्श प्रशिक्षण मैदान बन गया. महाराष्ट्र की पहलवान, खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2021 में 53 किलो वर्ग में रजत पदक विजेता धनी परिवार में पैदा नहीं हुई थी.
कल्याणी के पिता के पास कोई विकल्प नहीं था. कुश्ती के प्रशंसक पांडुरंग गाडेकर चाहते थे कि युवा कल्याणी पहलवान बने. लेकिन विदर्भ के वाशिम जिले के जयपुर नामक उनके छोटे से गांव में प्रशिक्षण केंद्र नहीं था.
कल्याणी हंसकर कहती है, मेरे पिता ने किसी तरह जिम्नास्टिक के नरम मैट एकत्र किए तथा उस पर एक बेडशीट डाल दी, जिससे मुझे कुश्ती के मैट पर खेलने का अनुभव मिल सके.
हालांकि पिता और पुत्री की यह जोड़ी अस्थायी कुश्ती अखाड़ा बन जाने के बाद भी नहीं टूटी. पांडुरंग को कोच तथा प्रशिक्षक की जिम्मेदारी भी निभानी पड़ी क्योंकि उनके जिले में एक भी कोच नहीं था. उनकी साझीदारी तब टूटी जब कल्याणी ने अपने पहले ही प्रयास में स्कूल नेशनल्स में जगह बना ली. उनके माता पिता ने अपनी जमीन का एक हिस्सा बेच कर उसे आगे के प्रशिक्षण के लिए सोनीपत भेजा.
कल्याणी बताती है, मेरे छोटे भाई और बहन ने मिट्टी के उसी गड्ढे में प्रशिक्षण करना जारी रखा, हम वहां बहुत मस्ती किया करते थे.
संयोग से, अब तीनों भाई बहन मुंबई में भारतीय खेल प्राधिकरण के राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं. 18 वर्षीय कल्याणी ने आरंभिक प्रशिक्षण से लेकर बुधवार को यहां 53 किग्रा रजत पदक जीतने तक निश्चित रूप से एक लंबा रास्ता तय किया है.
हालांकि, यह आसान नहीं था. दो बार, उसने सेमीफाइनल में पंजाब की मनजीत कौर को पराजित किया. लेकिन फाइनल में वह हरियाणा की खिलाड़ी के दांव को रोकने में विफल हो गई.
कल्याणी, ने 46 किलो वर्ग में केआईवाईजी पुणे संस्करण में भी रजत पदक जीता था, कहा कि – हालांकि मैं अपने प्रदर्शन से प्रसन्न हूं. मैं आम तौर पर 50 किलो वर्ग में प्रतिस्पर्धा करती हूं. लेकिन चूंकि यहां 49 किलो वर्ग है, इसलिए मुझे 53 किलो के वर्ग में जाना पड़ा. मैं इतने कम समय में अपना वजन कम नहीं कर सकती थी.
लगभग एक वर्ष पूर्व, उसे एसएआई स्कीम के तहत मुंबई के कांदिवली में प्रशिक्षण के लिए चुना गया और वह अपने सामरिक वाले खेल पर कोच अमोल यादव के साथ अभ्यास कर रही है.
कहा, वह शारीरिक रूप से बहुत मजबूत है और उचित कोचिंग की कमी के कारण बहुत रक्षात्मक हुआ करती थी. लेकिन हम उस पर काम कर रहे हैं और मुझे भरोसा है कि हम अगले 6-10 महीने में उसके प्रदर्शन में बड़ा सुधार देख सकते हैं.