पुणे. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक श्री गुरुजी को लेकर किए गए ट्वीट को लेकर दिग्विजय सिंह को लीगल नोटिस भेजा गया है. ठाणे के स्वयंसेवक विवेक चंपानेरकर ने तथ्यहीन व अपमानजनक ट्विटर पोस्ट करने पर कांग्रेस नेता को कानूनी नोटिस भेजा है.
दिग्विजय सिंह की ओर से मानहानि वाली पोस्ट 8 जुलाई, 2023 को पोस्ट की गई थी. चंपानेरकर की ओर से वकील आदित्य मिश्रा के माध्यम से नोटिस भेजा गया है, जिसमें कहा गया है कि दिग्विजय सिंह ने नफरत को बढ़ावा देने और आम आदमी की नजरों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को बदनाम करने और अनुसूचित जातियों के मन में संघ के खिलाफ नफरत और दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए पोस्ट किया. नोटिस में कहा गया है कि हिन्दू समाज को जाति के आधार पर विभाजित करने के एक निश्चित इरादे से अपनी कल्पना से संघ के द्वितीय सरसंघचालक को लेकर निराधार, झूठा और आधारहीन पोस्ट किया गया. इस तरह का पोस्ट करना भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत दंडनीय अपराध है और आज तक कांग्रेस नेता की ओर से सोशल मीडिया पोस्ट पर लगाए गए आरोपों को साबित करने के लिए किसी भी अदालत या किसी जांच आयोग की रिपोर्ट द्वारा कोई न्यायिक निर्णय नहीं सुनाया गया है.
‘सोशल मीडिया पोस्ट ने मेरे मुवक्किल के संगठन यानि आरएसएस को बदनाम किया है और उन्हें व्यक्तिगत रूप से गहरी मानसिक चोट पहुंचाई है. इसलिए सिंह पर मानहानि की धाराओं के तहत दंडनीय अपराध के लिए मुकदमा चलाया जा सकता है और दंडित किया जा सकता है.’
नोटिस में दिग्विजय सिंह से दो सप्ताह के भीतर बिना शर्त माफी मांगने को कहा गया है, अन्यथा कांग्रेस नेता को आपराधिक कार्रवाई का सामना करने की चेतवानी दी गई है.