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शांति, अहिंसा, प्रेम एवं सौहार्द के जीवन मूल्यों को विश्व के समक्ष पुनः प्रस्तुत किया – राष्ट्रपति

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स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्र के नाम संबोधन के अंश –

नई दिल्ली. स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण कार्य शुभारंभ को लेकर कहा कि केवल दस दिन पहले अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का शुभारंभ हुआ है और देशवासियों को गौरव की अनुभूति हुई है. देशवासियों ने लंबे समय तक धैर्य और संयम का परिचय दिया और देश की न्याय व्यवस्था में सदैव आस्था बनाए रखी. श्रीराम जन्मभूमि से संबंधित न्यायिक प्रकरण को भी समुचित न्याय-प्रक्रिया के अंतर्गत सुलझाया गया. सभी पक्षों और देशवासियों ने उच्चतम न्यायालय के निर्णय को पूरे सम्मान के साथ स्वीकार किया और शांति, अहिंसा, प्रेम एवं सौहार्द के अपने जीवन मूल्यों को विश्व के समक्ष पुनः प्रस्तुत किया. इसके लिए मैं सभी देशवासियों को बधाई देता हूं.

राष्ट्रपति ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर चीन का नाम लिए बगैर सीमा विवाद का जिक्र करते हुए कहा कि आज जब विश्व समुदाय के समक्ष आई सबसे बड़ी चुनौती से एकजुट होकर संघर्ष करने की आवश्यकता है, तब हमारे पड़ोसी ने अपनी विस्तारवादी गतिविधियों को चालाकी से अंजाम देने का दुस्साहस किया. सीमाओं की रक्षा करते हुए, हमारे बहादुर जवानों ने अपने प्राण न्योछावर कर दिए.

भारत माता के वे सपूत, राष्ट्र गौरव के लिए ही जिए और उसी के लिए मर मिटे. पूरा देश गलवान घाटी के बलिदानियों को नमन करता है. हर भारतवासी के हृदय में उनके परिवार के सदस्यों के प्रति कृतज्ञता का भाव है. उनके शौर्य ने यह दिखा दिया है कि यद्यपि हमारी आस्था शांति में है, फिर भी यदि कोई अशांति उत्पन्न करने की कोशिश करेगा तो उसे माकूल जवाब दिया जाएगा. हमें अपने सशस्त्र बलों, पुलिस तथा अर्धसैनिक बलों पर गर्व है जो सीमाओं की रक्षा करते हैं, और हमारी आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं.

राष्ट्रपति ने कहा कि एकजुट प्रयासों से हमने वैश्विक महामारी की विकरालता पर नियंत्रण रखने और बहुत बड़ी संख्‍या में लोगों के जीवन की रक्षा करने में सफलता प्राप्त की है. यह पूरे विश्‍व के सामने एक अनुकरणीय उदाहरण है. उन्होंने कहा कि इन असाधारण प्रयासों के बल पर, घनी आबादी और विविध परिस्थितियों वाले हमारे विशाल देश में, इस चुनौती का सामना किया जा रहा है. राज्य सरकारों ने स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार कार्रवाई की. जनता ने पूरा सहयोग दिया.

राष्ट्रपति ने कहा कि इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस के उत्सवों में हमेशा की तरह धूम-धाम नहीं होगी. इसका कारण स्पष्ट है. पूरी दुनिया एक ऐसे घातक वायरस से जूझ रही है, जिसने जन-जीवन को भारी क्षति पहुंचाई है और हर प्रकार की गतिविधियों में बाधा उत्पन्न की है. उन्होंने कहा कि यह बहुत आश्वस्त करने वाली बात है कि इस चुनौती का सामना करने के लिए, केंद्र सरकार ने पूर्वानुमान करते हुए, समय रहते, प्रभावी कदम उठा‍ लिए थे. कोरोना संकट की वजह से मुश्किल में पड़े लोगों के लिए सरकारी मदद मुहैया कराने को लेकर राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि इस महामारी का सबसे कठोर प्रहार, गरीबों और रोजाना आजीविका कमाने वालों पर हुआ है. संकट के इस दौर में, उनको सहारा देने के लिए, वायरस की रोकथाम के प्रयासों के साथ-साथ, अनेक जन-कल्याणकारी कदम उठाए गए हैं.

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