देवगिरी (विसंकें). जरा सोचिये, देखते ही देखते कोई महिला बिजली के खंभे पर चढ़ जाए और बिजली के टूटे हुए तार रिपेयर करके अंधेरे गांव को प्रकाशमान करती हुई दिखाई दे तो? आप यह देखकर निश्चय ही आश्चर्यचकित हो जाएंगे. ये कहानी है महाराष्ट्र की वायर वुमन की. महिलाओं के पारंपरिक करियर का विकल्प न चुनकर थोड़े अलग करियर में अपना हुनर दिखाने वाली इस वायर वुमन का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
बीड़ जिले की इस वायर वुमन का नाम है – उषा भाऊसाहेब जगदाले. जिले के अष्टी तालुका के एक किसान परिवार में जन्मी उषा की नियुक्ति स्पोर्ट्स कोटा में महावितरण में तंत्रज्ञ के तौर पर हुई. यूनिट ऑफिस में काम करते समय महिला होने का कारण बताकर उन्होंने कार्यालयीन पोस्टिंग की मांग नहीं की. इस क्षेत्र में महिलाओं का काम केवल कार्यालयीन नहीं रहना चाहिए. फील्ड वर्क में भी महिला उतनी ही सक्षमता से काम कर सकती है, इसका एक उदाहरण उषा ने अपने काम से समाज के सामने रखा है.
कोरोना संकट में लॉकडाऊन के दौरान भी बिजली की आपूर्ति नियमित रखने के लिए उन्होंने मेहनत की. पुरुषों के वर्चस्व वाले इस क्षेत्र में उषा एक सम्माननीय अपवाद है. पुरुषों के एकाधिकार वाले क्षेत्र में परिश्रम से अपनी छाप छोड़ने वाली महिला की सर्वत्र सराहना हो रही है. बिजली उपभोक्ताओं की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई कर बिजली आपूर्ति खंडित न हो, इसके लिए वे हमेशा तत्पर रहती हैं.
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में किसी रस्सी का या क्रेन का आधार लिए बिना उषा बिजली के खंभे पर चढ़ती दिखाई देती है. यह वीडियो कुल दो हजार लोगों ने शेयर किया है और केवल २४ घंटों में इसे एक लाख से अधिक व्यूज़ मिले हैं.
इस कठिन काल में जुड़वां बच्चे, सास-ससुर, पति, सभी की जिम्मेदारी पूरी करते हुए अपना कर्तव्य निभाती उषा जगदाले जी यह नारी सशक्तिकरण का एक उदाहरण है. ऐसी महिलाएं देश का अभिमान हैं.