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तकनीक को साधन बनाएं, साध्य नहीं – सुरेश सोनी जी

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राष्ट्र निर्माण की दिशा में नए संकल्प के साथ विद्या भारती पूर्णकालिक कार्यकर्ता वर्ग का समापन

भोपाल, 08 मार्च 2025। सरस्वती शिशु मंदिर, शारदा विहार में आयोजित विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान के अखिल भारतीय पूर्णकालिक कार्यकर्ता वर्ग आज संपन्न हुआ। इस अवसर पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य सुरेश जी सोनी ने कार्यकर्ताओं को प्रेरणादायी मार्गदर्शन किया।

समारोह के दौरान विद्या भारती के अखिल भारतीय अध्यक्ष डी. रामकृष्ण राव ने पांच दिवसीय अभ्यास वर्ग (03 से 08 मार्च) की संक्षिप्त रूपरेखा प्रस्तुत की। प्रारंभ में डॉ. राम कुमार भावसार ने अतिथियों का परिचय कराया, जबकि प्रांत अध्यक्ष मोहन लाल गुप्ता एवं सचिव डॉ. शिरोमणि दुबे ने स्वागत किया। देशभर से आए 700 से अधिक पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं ने अभ्यास वर्ग में भाग लिया, जिनमें विद्या भारती के शीर्ष पदाधिकारी भी सम्मिलित रहे।

मुख्य वक्ता सुरेश सोनी जी ने कहा कि विद्या भारती के पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं की भूमिका केवल व्यक्तिगत या सांगठनिक स्तर तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि समाज और विशेष रूप से शिक्षा जगत में प्रभावी हस्तक्षेप आवश्यक है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बढ़ते प्रभाव और उससे उत्पन्न चुनौतियों पर चर्चा करते हुए कहा कि तकनीक की प्रगति से मशीनों की क्षमता बढ़ रही है, लेकिन इसके दुष्प्रभावों के चलते मानव की शारीरिक एवं मानसिक क्षमताएँ प्रभावित हो रही हैं। आज व्यक्ति यात्रा भले ही विमान, बस या कार में कर रहा हो, लेकिन उसका मन वर्चुअल दुनिया में विचरण कर रहा होता है। यह प्रवृत्ति धीरे-धीरे व्यक्ति को वास्तविकता से दूर ले जा रही है, जिससे समाज और पारिवारिक जीवन पर भी प्रभाव पड़ रहा है।

उन्होंने कहा कि तकनीक हमें जोड़ सकती है, लेकिन संबंध स्थापित नहीं कर सकती। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग अवश्य करें, लेकिन यह ध्यान रखें कि यह हमारी मौलिक बुद्धिमत्ता को कमजोर न करे। तकनीक को साधन बनाएं, साध्य नहीं।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि महर्षि ने असुरों के संहार के लिए राजा दशरथ से विशाल सेना नहीं मांगी, बल्कि उन्होंने भगवान राम की गुरुकुल में प्राप्त शिक्षा और संस्कारों पर विश्वास जताया।

विद्या भारती से अध्ययनरत विद्यार्थी आज विभिन्न क्षेत्रों में श्रेष्ठता स्थापित कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने भारतीय सांस्कृतिक विरासत को सम्मान देने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि भोपाल नगर में दो प्रमुख द्वारों का निर्माण किया जाएगा – एक राजा भोज के नाम पर, दूसरा राजा विक्रमादित्य के नाम पर। यह निर्णय देश के गौरवशाली इतिहास और परंपरा को नई पीढ़ी तक पहुँचाने का सशक्त माध्यम बनेगा।

विद्या भारती के अखिल भारतीय पूर्णकालिक कार्यकर्ता वर्ग में विचार, व्यवहार एवं संगठनात्मक कार्यशैली पर मंथन हुआ। विभिन्न सत्रों में शिक्षा, समाज एवं राष्ट्रहित से जुड़े विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई। अभ्यास वर्ग ने कार्यकर्ताओं को नवीन दृष्टिकोण, प्रभावी रणनीति और समर्पण भाव के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा प्रदान की।

कार्यक्रम के समापन पर विद्या भारती के अखिल भारतीय महामंत्री श्री अवनीश भटनागर ने आभार प्रदर्शन किया।

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