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भारत में चीनी शेल कंपनियों पर एमसीए की कार्रवाई

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नई दिल्ली. कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने 8 सितंबर, 2022 को जिलियन हांगकांग लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी, जिलियन कंसल्टेंट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, गुड़गांव, फ़िनिटी प्राइवेट लिमिटेड, बैंगलोर और हैदराबाद में एक पूर्व सूचीबद्ध कंपनी हुसिस कंसल्टिंग लिमिटेड के कार्यालयों पर एक साथ तलाशी और जब्ती अभियान चलाने के बाद एसएफआईओ ने डॉर्टसे को गिरफ्तार कर लिया.

डॉर्टसे जिलियन इंडिया लिमिटेड के बोर्ड में नामित हैं और स्पष्ट रूप से भारत में चीनी संपर्क वाली बड़ी संख्या में शेल कंपनियों को शामिल करने और उनके बोर्ड में नकली निदेशक उपलब्ध कराने के पूरे रैकेट के मास्टरमाइंड हैं. गिरफ्तार व्यक्ति डॉर्टसे ने कंपनी रजिस्ट्रार के पास दर्ज रिकॉर्ड के अनुसार खुद को हिमाचल प्रदेश के मंडी का निवासी बताया है.

आरओसी दिल्ली द्वारा पूछताछ के दौरान प्राप्त सबूतों और तलाशी अभियान से मिली जानकारी के अनुसार स्पष्ट रूप से कई मुखौटा कंपनियों में डमी के तौर पर कार्य करने के लिए जिलियन इंडिया लिमिटेड द्वारा भुगतान किए जा रहे डमी निदेशकों का भी खुलासा हुआ है. कंपनी की मुहरों से भरे बक्से और डमी निदेशकों के डिजिटल हस्ताक्षर साइट से बरामद किए गए हैं. भारतीय कर्मचारी चीनी इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप के जरिए चीनी समकक्षों के संपर्क में थे. हुसिस लिमि. को भी जिलियन इंडिया लिमिटेड की ओर से कार्य करने में संलिप्त पाया गया था. प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि हुसिस लिमि. का जिलियन इंडिया लिमिटेड के साथ एक समझौता था. अब तक की जांच से पता चला है कि इन शेल कंपनियों की गंभीर वित्तीय अपराधों में संभावित संलिप्तता देश की आर्थिक सुरक्षा के लिए हानिकारक है.

कॉर्पोरेट मामले मंत्रालय के अंतर्गत संचालित एसएफआईओ को 9 सितंबर, 2022 को जिलियन कंसल्टेंट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और 32 अन्य कंपनियों की जांच सौंपी गई थी. डॉर्टसे और एक चीनी नागरिक जिलियन कंसल्टेंट्स इंडिया में दो निदेशक हैं. तलाशी में मिले दस्तावेजों और अन्य जांच के आधार पर, यह भी खुलास हुआ है कि डॉर्टसे दिल्ली-एनसीआर से बिहार के एक दूरदराज के इलाके में भाग गए थे और गिरफ्तारी से बचने के लिए भारत से बाहर निकलने के लिए सड़क मार्ग से भागने के प्रयास में था. जानकारी मिलते ही, एसएफआईओ ने तत्काल एक विशेष टीम का गठन किया, और 10 सितंबर, 2022 की शाम को, एसएफआईओ ने डॉर्टसे को गिरफ्तार करने के बाद क्षेत्राधिकार न्यायालय में पेश किया और ट्रांजिट रिमांड के आदेश भी प्राप्त किए गए.

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