रोहतक (विसंकें). हरियाणा के मेवात में एक बार फिर हिन्दुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का प्रयास हुआ है. नवरात्र के पावन अवसर पर मेवात के नगीना खंड के मांडीखेड़ा गांव में दुर्गा माता की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी, मगर मात्र दो दिन में ही मंदिर से उस मूर्ति को चुरा लिया गया. दुर्गा मंदिर में अब मूर्ति की जगह सिर्फ शेर के पंजे बचे हैं. स्थानीय लोगों का आरोप है कि पहले भी इस तरह की घटनाएं होती आई हैं और मंदिर से कुछ दूरी पर बने मदरसे के मौलवी के इशारों पर यह काम किया गया. हालांकि, पुलिस ने मूर्ति चोरी के मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
नवरात्र के पहले दिन यानि, 17 अक्तूबर को मंदिर में मूर्ति की स्थापना की गई थी. पूजा-पाठ के लिए मंदिर को सजाया गया था. लेकिन दो दिन में ही मूर्ति गायब हो गई.
मूर्ति चोरी के बाद 11 सदस्यों की पंचायत समित गठित
मंदिर से माता की मूर्ति को गायब देख हिन्दू समुदाय के लोग आक्रोशित हैं. मामले में पुलिस के पास एफआईआर दर्ज करवाई और जल्द से जल्द कार्रवाई करने की मांग की है. लोगों ने 21 अक्तूबर को एक 11 सदस्य पंचायत समिति का भी गठन किया है.
समिति के ही एक सदस्य धर्मपाल आर्य ने पूरे मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि मांडीखेड़ा गांव में 20 अक्तूबर की रात्रि यह घटना हुई. कुछ लोग मंदिर का ताला तोड़ कर मूर्ति को खंडित करके उसे वहां से उठाकर ले गए. घटना को 5 दिन बीत गए हैं, मगर आरोपियों का अभी तक कुछ पता नहीं है. किसी पर कोई कार्रवाई भी नहीं हुई है. वह बताते हैं कि गांव में अल्पसंख्यक आबादी में हिन्दू कुछ बोल नहीं पाते हैं. मगर उन्हें अपनी बैठक में पता चला है कि मंदिर से थोड़ी दूर में एक मदरसा है, कुछ लोग संदेह के आधार पर मदरसे के मौलवी का नाम ले रहे हैं. जब मंदिर की चारदीवारी करवाई गई थी या इससे पहले जब मूर्ति स्थापित हुई थी, तब भी ऐसी घटनाएं सामने आई थीं. इसलिए संभावना है कि उसी ने दोबारा मंदिर में यह काम करवाया हो. धर्मपाल के अनुसार, यह मंदिर बहुत पुराना है लेकिन साल 2016 में एक ऐसी ही घटना घटी थी, तब लोगों ने आपस में बात करके समझौता कर लिया था और माफी भी मांगी गई थी. अब घटना की पुनरावृत्ति के बाद समाज के लोगों का कहना है कि वह पुलिस कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है क्योंकि मामले में ढुलमुल रवैया अपनाया जा रहा है.
एक अन्य स्थानीय का कहना है कि पुलिस ने उन्हें इस मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया है, लेकिन उनके लिए बात केवल आश्वासन की नहीं है. यदि यह घटना दूसरे पक्ष के साथ हो गई होती तो अभी तक पूरा मेवात बंद हो जाता. घटना के बाद मंदिर के पास मौजूद लोगों की एक वीडियो भी सामने आई है.
पत्रकार गौरव मिश्रा ने ग्रामीणों का एक वीडियो भी शेयर किया है. वीडियो में ग्रामीण स्पष्ट कह रहे हैं कि मदरसे वाला जो मुफ्ती है वो आस-पास के लोगों को एकत्रित करके यह काम करवाता है.
#मेवात के मांडीखेड़ा गांव के मंदिर में शांतिदूतों ने नही होने दी नवरात्री की पूजा
मूर्ती स्थापित की गई थी, लेकिन #शांतिदूतों उसे वहां से चोरी कर लिया,मंदिर का गेट भी तोड़ा,पथवारी मंदिर से स्थापित देवी माँ की प्रतिमा को तोड़ कर ले गए अपने साथ।#save_mevati_hindu pic.twitter.com/WMYgSx7RLE— Gaurav Mishra गौरव मिश्रा 🇮🇳 (@gauravstvnews) October 24, 2020
नगीना थाने के एसएचओ रमेश चंद ने मंदिर में तोडफ़ोड़ की बात को नकारा और कहा कि मंदिर से मूर्ति की चोरी हुई है. इस मामले में एफआईआर दर्ज है और पूरे मामले की तफ्तीश की जा रही है. अभी तक कोई भी व्यक्ति हिरासत में नहीं लिया गया है. मगर, जल्द से जल्द इस मामले के निष्कर्ष पर पहुंचा जाएगा.
पिछले दिनों हरियाणा का मेवात दलितों पर अत्याचार के कारण चर्चा में आया था और अब भी वहां हिन्दू के साथ भेदभाव की घटनाएं थमी नहीं हैं. पिछले दिनों नगीना थाने के उलेटा गांव में ही एक दलित परिवार बहुसंख्यक आबादी की बर्बरता का शिकार हुआ था. राहुल नाम के दलित लडक़े के सिर पर धारदार फरसा मार कर कहा गया था कि अगर गांव में रहना है तो उनकी जूती के नीचे रहना होगा. इस मामले पर भी पुलिस का आज भी यही कहना है कि मामले में जांच चल रही है.