भोपाल. जनजाति बहुल झाबुआ और रतलाम जिले में सैकड़ों लोगों ने सनातन धर्म में वापसी की. झाबुआ जिले के पेटलावद क्षेत्र के गुलरीपाड़ा गांव में 250 लोगों ने ईसाई धर्म छोड़कर सनातन धर्म में वापसी की. तो दूसरी ओर रतलाम जिले के आंबा गांव में सात मुस्लिम परिवारों के 32 लोगों ने शिव मंदिर में पूजा के बाद पुन: सनातन धर्म अपनाकर कई पीढ़ी पहले पूर्वजों के निर्णय में सुधार किया. कुछ दिन पूर्व पेटलावद क्षेत्र में पंडित कमल किशोर नागर की कथा के बाद गांवों में प्रभाव दिखाई दिया. पंडित कमल किशोर नागर बुधवार को गुलरीपाड़ा में श्रीराम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में पहुंचे तो वहां 250 लोग पुन: सनातन धर्म में लौट आए. उनका कहना है कि बीते वर्षों में किसी कारण से ईसाई बन गए थे, लेकिन अब घर वापसी सुखद अनुभूति है.
सनातन धर्म में लौटने वाले मुस्लिमों ने शुक्रवार सुबह रतलाम के आंबा गांव में भीमनाथ महादेव मंदिर में पूजा-अर्चना की. स्वामी आनंदगिरी महाराज की उपस्थिति में सभी ने गोमूत्र से स्नान कर जनेऊ धारण किया.
गुरुवार को घर वापसी के पहले सनातन धर्म अपनाने का शपथ पत्र भी तैयार करवाया गया था. सनातन धर्म अपनाने वालों का कहना है कि ऐसा कर उन्होंने ईसाई बनने की 56 साल पुरानी भूल सुधारी है. अप्रैल में बेकल्दा गांव में भागवत कथा हुई थी. बदलाव की पहल पंडित कमल किशोर नागर के धर्म जागरण अभियान से संभव हो पाई. गुलरीपाड़ा में हिन्दू धर्म को लेकर उत्साह जागा. यहां मात्र सवा महीने में राम दरबार मंदिर का निर्माण हुआ. बुधवार को प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में 250 ग्रामीणों की घर वापसी हुई. वे सभी धार्मिक आयोजनों में भी शामिल हुए.
डॉ. प्रवीण हामड़ ने बताया कि वर्ष 1966 में अकाल पड़ा था. भुखमरी जोरों पर थी. उस समय गांव में मतांतरण हुआ था. मजबूरी के बीच शुरू हुए मतांतरण के दुष्चक्र को तोड़ने के प्रयास निरंतर चल रहे थे. गुलरीपाड़ा वही गांव है, जहां 1998 में सेवाभारती के रामरथ को घुसने से रोका गया था. अब यहां के युवा घर वापसी कर रहे हैं. ग्रामीण रमाल सिंह डांगी, राधु वसुनिया, प्रेम वसुनिया और पप्पू वसुनिया ने बताया कि उनके साथ 250 ग्रामीणों ने पुन: सनातन धर्म अपनाया है. जड़ों की ओर लौटना सुखद है.
शिव मंदिर में पूजा से शुरू की दिनचर्या
सालों से घुमंतू रहकर जड़ी-बूटियां बेचने वाले रतलाम जिले के गांव आंबा निवासी 55 वर्षीय मोहम्मद शाह व उनके परिवार व रिश्तेदारों ने हिन्दू धर्म अपनाने के बाद शुक्रवार सुबह पूजा-अर्चना कर हर-हर महादेव के जयघोष लगाए. मोहम्मद शाह अब राम सिंह के नाम से पहचाने जाएंगे. उन्होंने बताया कि उनकी तीन पीढि़यां मुस्लिम धर्म को मानती आ रही हैं. उनका पुश्तैनी काम जड़ी-बूटियां बेचना है. गांव में रहने के दौरान हिन्दू धर्म में ध्यान बढ़ा और महा शिवपुराण कथा में स्वामी जी से चर्चा की तो उन्होंने भी सकारात्मक रख दिखाया. अन्य सदस्यों को भी हिन्दू नाम दे दिए गए हैं.
इनपुट – दैनिक जागरण