करंट टॉपिक्स

मुंबई – विभिन्न देशों के महावाणिज्य दूतों ने पांच प्रतिष्ठित गणपतियों का दर्शन किया

Spread the love

मुंबई. विभिन्न देशों के महावाणिज्य दूतों को मुंबई में प्रतिष्ठित गणपतियों के दर्शन करवाए जा रहे हैं. पर्यटन मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा ने विश्वास व्यक्त किया कि उनके माध्यम से देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु गणेशोत्सव के लिए महाराष्ट्र आएंगे और यह त्यौहार विदेशों में भी प्रसिद्धि पाएगा.

महाराष्ट्र में बड़े स्तर पर मनाए जाने वाले गणेशोत्सव को, पूरी दुनिया में पहचान दिलाने के लिए राज्य सरकार प्रयास कर रही है. इसके लिए पर्यटन मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा की पहल पर महाराष्ट्र पर्यटन विकास मंत्रालय की ओर से विभिन्न देशों के महावाणिज्य दूतों को पांच प्रतिष्ठित गणपति के दर्शन कराए जा रहे हैं. इसके दूसरे चरण में पर्यटन मंत्री ने वडाला में जीएसबी गणेश मंडल के पास 15 देशों के महावाणिज्य दूतों का पारंपरिक तरीके से स्वागत किया और उन्हें गणेशोत्सव की गौरवशाली परंपरा से परिचित कराया. इस अवसर पर एमटीडीसी की प्रबंध निदेशक जयश्री भोज, महाप्रबंधक चंद्रशेखर जायसवाल सहित अनेक गणमान्य उपस्थित थे.

मंगलप्रभात लोढ़ा ने कहा, महाराष्ट्र में पर्यटन विकास की विपुल संभावनाएं हैं. राज्य में घरेलू पर्यटकों के साथ-साथ विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए पर्यटन विभाग के माध्यम से विभिन्न गतिविधियां संचालित की जा रही हैं. ‘उत्सव पर्यटन’ इसका एक हिस्सा है और भविष्य में सभी प्रकार के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास करने का निश्चय किया गया है.

गणपति दर्शन कराने के पहले चरण में दस अलग-अलग देशों के महावाणिज्य दूतों को शुक्रवार को गणराय के दर्शन कराए गए थे. दूसरे चरण में, 15 देशों के महावाणिज्य दूतों ने वडाला में जीएसबी गणेश मंडल, लालबाग में गणेश गली और लालबाग के राजा, गिरगांव में मोहन भवन के साथ-साथ लोकमान्य तिलक द्वारा शुरू किये गए सबसे पुराने केशव जी नायक चाल में गणेश जी के दर्शन किये. सभी गणेश मंडलों की ओर से पारंपरिक तरीके से उनका सोत्साह भव्य स्वागत किया गया. सभी महावाणिज्य दूतों ने गणपति के दर्शन कर और भक्तिमय वातावरण को देखकर अत्यंत प्रसन्नता व्यक्त की.

कोरोना के कारण पिछले दो साल से सार्वजनिक गणेशोत्सव पर रोक थी. किन्तु, इस वर्ष ‘कोरोना प्रतिबंध समाप्त ‘ होने के कारण यह पर्व फिर से प्रदेश में धूमधाम से मनाया जा रहा है. सांस्कृतिक, सामाजिक और धार्मिक परंपरा को पूरी दुनिया से परिचित कराने की पहल की जा रही है.

जापान की याशुकाता फुकाहोरी, स्वीडन की अन्ना लेक्वाल, आयरलैंड की अनीता केली, इंडोनेशिया की अगस सैप्टोनो, दक्षिण अफ्रीका की एंड्रिया कुन, फ्रांस की जीन मार्क सेरे चार्लोट, नीदरलैंड की बार्ट डी जोंग, थाईलैंड के डोनाविट पूलसावत, जर्मनी के अचिम फैबिग, अफगानिस्तान के ज़ाइका वर्दाक, न्यूजीलैंड के नोरोना हेस, ब्रिटेन के संपर्क प्रमुख मैथ्यू सिंक्लेयर,श्रीलंकाई वीज़ा अधिकारी सुमित्रा मिगास्मुल्ला, बेल्जियम के वाणिज्य दूत और उप प्रमुख जूली वैन डेर लिंडेन, नॉर्वेजियन महावाणिज्य दूत की पत्नी हेज रोनिंग, इटली के उप महावाणिज्य दूत लुइगी कास्कोन और उनके सहयोगी उपस्थित थे.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *