नई दिल्ली. मुंबई स्थित NIA Special Court ने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकियों को दोषी करार देते हुए 10 साल की सजा सुनाई है. दोषी पाए गए आरोपियों में 1. मोहम्मद मुजम्मिल, 2. मोहम्मद सादिक, 3. मोहम्मद अकरम शामिल हैं. आरोपियों के खिलाफ एनआईए की टीम ने जांच के दौरान महत्वपूर्ण सबूत और गवाहों के आधार पर सभी सबूतों को न्यायालय के सामने रखा, जिसके बाद विशेष कोर्ट ने 10 साल की कैद और जुर्माने का आदेश सुनाया है.
आतंकी संगठन लश्कर-ए -तैयबा और आतंकी संगठन हरकत उल-जिहाद-ए-इस्लामी ने भारत में हिन्दू नेताओं, पत्रकारों, राजनीतिक हस्तियों और पुलिस अधिकारियों को मारने की साजिश विदेश में रची थी. इसके लिए सऊदी अरब में षड्यंत्र रचा गया था. आतंकी मोहम्मद अकरम ने रियाद, दमन और सऊदी अरब में अन्य आतंकियों के साथ बैठकर साजिश रची थी.
साजिश को अंजाम देने के लिए आत्मघाती आतंकियों का भी चयन किया गया था, साजिश में मोहम्मद अकरम ने हैदराबाद निवासी ओबेद- उर- रहमान, मोहम्मद सादिक और मोहम्मद मुजम्मिल के साथ साजिश को अंजाम देने के लिए टार्गेट और लोकेशन का चयन किया गया था, लेकिन उससे पहले ही जानकारी मुंबई की एटीएस टीम को लगी और कुछ आतंकियों को गिरफ्तार करके मामले का पर्दाफाश कर दिया.
जांच एजेंसी के अधिकारी के अनुसार मुंबई के काला चौकी की एटीएस टीम द्वारा आतंकियों के खिलाफ साल 2012 में 31 अगस्त को एक मामला दर्ज किया गया था, उसके बाद मामले की जांच का जिम्मा एनआईए को सौंपा गया था.
एनआईए ने जांच के दौरान पाया कि आरोपियों का संबंध सीधे तौर पर आतंकी संगठन लश्कर के साथ था, लेकिन बाद में लश्कर -ए -तैयबा के साथ ही प्रतिबंधित आतंकी संगठन हरकत उल – जिहाद-ए-इस्लामी यानि हूजी संगठन के साथ कनेक्शन सामने आया, जिसमें ये सारे आतंकियों के नाम शामिल थे. आतंकी अलग -अलग आतंकी संगठनों के लिए अलग -अलग नामों से काम करते थे.