दिल्ली-रायपुर. एनआईए ने माओवाद से जुड़े मामले को लेकर मंगलवार को आंध्रप्रदेश में शहरी माओवादियों से जुड़े कुछ ठिकानों में छापेमारी की है. एनआईए ने राज्य के प्रकाशम और विजयवाड़ा जिले में छापों को अंजाम दिया है. जानकारी के अनुसार एनआईए ने कुल 3 स्थानों पर छापेमारी की.
छत्तीसगढ़ में हुए माओवादी आतंकी हमले से जुड़े तार की जांच करने के लिए छत्तीसगढ़ से एनआईए की टीम आंध्रप्रदेश पहुंची थी. एक टीम ने प्रकाशम जिले के अलाकुरापादु गांव में माओवादी आतंकी रहे रामकृष्ण उर्फ आरके के घर में दबिश दी. माओवादी आतंकी रामकृष्ण की मौत बीते वर्ष ही हो चुकी है.
एनआईए की छापेमारी के दौरान माओवादी आतंकी रामकृष्ण की पत्नी घर पर मौजूद थी, उससे भी जांच एजेंसी की टीम ने पूछताछ की. दरसअल माओवादी आतंकी रामकृष्ण प्रतिबंधित माओवादी आतंकी संगठन सीपीआई-माओवादी के सेंट्रल कमेटी का सदस्य था, जिसकी मौत बीमारी के चलते छत्तीसगढ़ के जंगल में बीते वर्ष हो गई थी.
एनआईए की दूसरी टीम ने शहरी माओवादी वरवरा राव के करीबी और माओवादी आतंकी रामकृष्ण के रिश्तेदार कल्याण राव के घर में भी छापा मारा है. कल्याण राव विप्लव रचयितला संघम का नेता है,
यह संगठन माओवादी समर्थक लेखकों का एक समूह है और माओवादियों के फ्रंटल संगठन के रूप में कार्य करता है.
यह वही कल्याण राव है जो माओवादी आतंकी रामकृष्ण के साथ मिलकर वर्ष 2004 में आंध्रप्रदेश सरकार के साथ शांति वार्ता में शामिल था. इसके अलावा एनआईए की टीम ने विजयवाड़ा में माओवादी नेता डोडी प्रभाकर के घर की भी छानबीन की.
छत्तीसगढ़ से आंध्रप्रदेश गई एनआईए की टीम की छापेमारी पर बस्तर के आईजी पी सुंदरराज का कहना है कि वर्ष 2019 में बस्तर के तिरिया क्षेत्र में माओवादियों के साथ हुई मुठभेड़ के दौरान रामकृष्ण की एक डायरी सुरक्षाबलों को प्राप्त हुई थी.
इस डायरी में माओवादी आतंकियों को हुए फंडिंग के बारे में कई जानकारियां शामिल थीं. एनआईए इस डायरी की जांच कर रही है और उसी के आधार पर कई ठिकानों में छापेमारी चल रही है.
इसी मामले को लेकर एनआईए ने कुछ समय पहले विशाखापट्टनम में भी जाकर छापेमारी की थी.
वर्तमान छापेमारी को लेकर अभी तक सामने आई जानकारी के अनुसार रामकृष्ण के गांव में विभिन्न माओवादी आतंकी नेताओ के शरण लेने को लेकर जांच की जा रही है. इसके अलावा माओवादी संगठन की फंडिंग को लेकर भी छानबीन चल रही है. पुलिस का कहना है कि छत्तीसगढ़ में माओवादियों को फंड ट्रांसफर करने के मामले में विजयवाड़ा के कुछ युवा शामिल हो सकते हैं.