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दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए धरातल पर कोई काम नहीं हो रहा

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सर्वोच्च न्यायालय ने चिंता व्यक्त की कि दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए धरातल पर कोई काम नहीं हो रहा है. न्यायालय ने कहा कि प्रदूषण बढ़ रहा है और हम अपना समय बर्बाद कर रहे हैं. साथ ही प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए स्वतंत्र टास्क फोर्स गठित करने का संकेत दिया.

न्यायालय ने सरकार के रवैये पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि आपने हमें कहा कि स्कूल बंद हैं, लेकिन छोटे बच्चे स्कूल जा रहे हैं. बड़े वर्क फ्रॉम होम करें और बच्चे स्कूल जाएं. आप कोर्ट में कुछ कहते हैं और सच कुछ और होता है. ऐसे में तो हमें दिल्ली सरकार पर निगरानी के लिए किसी को नियुक्त करना पड़ेगा.

जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि मैंने देखा कि दिल्ली में लोग प्रदूषण पर नियंत्रण के बैनर लिए सड़क पर खड़े हैं. तभी हम कहते हैं कि आप सिर्फ लोकप्रिय होने वाले नारे लगाते हैं.

मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने कहा कि हम कोई विपक्ष के नेता नहीं हैं. हमारा उद्देश्य प्रदूषण पर नियंत्रण करना है, लेकिन आप सिर्फ बातें करते हैं.

दिल्ली सरकार ने कहा कि वो प्रदूषण रोकने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है. नवंबर महीने में दिल्ली सरकार ने प्रदूषण फैलाने वाले डेढ़ हजार पुराने वाहनों को जब्त किया है.

सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली के एक मंत्री के सेंट्रल विस्टा जाने और तस्वीर खिंचवाने पर सवाल उठाया. न्यायालय ने अन्य राज्यों के प्रति नाराजगी जताते हुए कहा कि कुछ लोगों से जुर्माना वसूल कर सरकारी खाते में जमा करना हल नहीं.

याचिकाकर्ता के वकील विकास सिंह ने कहा कि हम टास्क फोर्स बनाने के पक्ष में हैं. सेंट्रल विस्टा पर भी रोक लगनी चाहिए. अगर नियमों के पालन की दलील मान लें तो बाकी बिल्डर को भी अनुमति मिलनी चाहिए. स्वतंत्र फ्लाइंग स्क्वाड बनाइए जो प्रदूषण पर कार्रवाई करे.

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