पंचकूला. केंद्रीय श्रम, रोजगार एवं वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि अब पत्रकारिता का दौर बदल चुका है. भविष्य में वही पत्रकार पत्रकारिता के नए आयामों को छू पाएगा, जिसका विश्लेषण अच्छा व सटीक होगा. सोशल मीडिया के दौर में पत्रकारों को तथ्यों पर आधारित पत्रकारिता करनी चाहिए. भूपेंद्र यादव रविवार को देवर्षि नारद जी की जयंती के उपलक्ष्य में विश्व संवाद केंद्र, हरियाणा द्वारा पंचकूला के जैनेंद्र गुरूकुल के आत्म ऑडिटोरियम में आयोजित सातवें राज्यस्तरीय पत्रकार सम्मान समारोह को मुख्यातिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे. इस अवसर पर हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की तथा विशेष अतिथि के रूप में हरियाणा उच्चतर शिक्षा परिषद के अध्यक्ष बृज किशोर कुठियाला, वरिष्ठ पत्रकार उमेश उपाध्याय व शिक्षाविद डॉ. जोगेंद्र उपस्थित रहे.
भूपेंद्र यादव ने कहा कि समाज में राष्ट्रीय विचारों को पहुंचाने के लिए 90 के दशक में विश्व संवाद केंद्र का गठन हुआ था. विश्व संवाद केंद्र हरियाणा निरंतर अपने लक्ष्य की तरफ अग्रसर है और मीडिया व समाज तक राष्ट्रीय विचारों के साथ-साथ तथ्यपरक व सही जानकारी पहुंचाने का काम कर रहा है. केंद्र ने कई महत्वपूर्ण विषयों को बहुत ही अच्छे ढंग से उठाया है, जिससे समाज को एक नई दिशा मिली है. उन्होंने कहा कि सभी के लिये उपलब्धता और जानकारी से परिपूर्ण नारद जी की मुख्य विशेषताएं थी. 50-60 के दशक की पत्रकारिता केवल लेखन तक सीमित थी. महात्मा गांधी, बाबा साहि भीम राव आम्बेडकर जैसे महापुरूषों ने भी समाचार पत्रिकाओं के माध्यम से अहम विषयों को प्रभावी ढंग से समाज के समक्ष लाने का कार्य किया. इसके बाद रेडियो, फिर टीवी व अब सोशल मीडिया का दौर चल रहा है. आज न्यूज नहीं ब्रेकिंग न्यूज का दौर है. ब्रेकिंग न्यूज के इस दौर में भी हमें लेखन के कार्य को निरंतर करना चाहिए. क्योंकि ट्रेंडिग के इस दौर में जानकारी थोड़ी देर के बाद सोशल मीडिया से गायब हो जाती है, लेकिन लेखन ही एक ऐसा कार्य है जो स्थाई रहता है और आने वाली पीढ़ीयों को प्रेरणा देने का काम करता रहता है. उन्होंने पत्रकारों से आह्वान किया कि सूचना एवं इन्फर्मेशन की ताकत को आगे कैसे बढ़ाना है, इस पर विचार करते हुए समाजहित में पत्रकारिता करें.
हरियाणा उच्चतर शिक्षा परिषद के अध्यक्ष बृज किशोर कुठियाला ने कहा कि लोक मानस में देवर्षि नारद जी के प्रति आज भी उतना ही सम्मान और श्रद्धा है. विश्व संवाद केंद्र हरियाणा द्वारा देवर्षि नारद जी की जयंती को मनाकर उनके व्यक्तित्व को समाज में वास्तविक रूप में संजोने और उनके संप्रेषण कौशल को आज की पत्रकारिता में समावेश करने का सहरानीय प्रयास किया गया है. देवता ही नहीं दानव भी उनका पूरा मान-सम्मान करते थे. नारद का प्रत्येक संवाद लोक कल्याण के लिए होता था. पत्रकारिता के विद्यार्थियों व पत्रकारों को देवर्षि नारद जी के जीवन दृष्टांतों को समाज तक पहुंचाने में अपनी भूमिका निभानी चाहिए. अंग्रेजों द्वारा भारतीय इतिहास व यहां के ऋषि-मुनियों के जीवन चरित्र को गलत ढंग से प्रस्तुत किया गया.
वरिष्ठ पत्रकार उमेश उपाध्याय ने कहा कि भारत के आत्म बौध का सम्मान करना देवर्षि नारद का सम्मान करना है. देश विरोधी ताकतों द्वारा यहां की संस्कृति व परंपराओं को बदनाम करने के लिए षडयंत्र किए गए हैं. आज नेरेटिव की लड़ाई चल रही है और यह लड़ाई वर्षों से चली आ रही है. नेरेटिव की इस लड़ाई में अपनी संस्कृति व परंपराओं को बचाने के लिए पत्रकारों को अपनी भूमिका निभानी होगी.
मौलिक अधिकारों के साथ-साथ अपने कर्तव्यों का पालन भी हमारा दायित्व
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि आज टेक्नोलॉजी के प्रयोग से सूचना का महत्व बढ़ गया है. पहले केवल प्रिंट मीडिया के माध्यम से ही लोगों को खबरों के बारे में जानकारी प्राप्त होती थी, परंतु सूचना प्रोद्यौगिकी के प्रयोग से सूचना के आदान-प्रदान करने के ढंग में बदलाव आया है. आज अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर सूचनाओं का आदान-प्रदान करते हुए देशहित को ध्यान में रखना चाहिए. यद्यपि बोलने की स्वतंत्रता होनी चाहिये. परंतु क्या बोलना है, इस पर भी विचार किया जाना चाहिये. मौलिक अधिकारों के साथ-साथ अपने कर्तव्यों का पालन करना भी हमारा दायित्व बनता है. उन्होंने पत्रकारों से आह्वान किया कि वे सूचना प्रोद्यौगिकी का प्रयोग करते हुए तथ्यों पर आधारित पत्रकारिता करें और देशहित में अपना योगदान दें.
सम्मानित पत्रकार
कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार सुमन भटनागर को देवर्षि नारद आजीवन उत्कृष्ट सेवा सम्मान पुरस्कार, सर्जना शर्मा को देवर्षि नारद महिला पत्रकारिता गौरव सम्मान पुरस्कार व अशोक कौशिक को देवर्षि नारद पुरुष पत्रकारिता गौरव सम्मान पुरस्कार से सम्मानित किया गया.