नई दिल्ली. नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है. परिषद ने भारतीय विमानों और देश के सभी हवाई अड्डों पर भारतीय संगीत बजाने का अनुरोध किया था. इस संबंध में मंत्रालय ने आदेश भी जारी कर दिया है. इसमें कहा गया है कि नियामक आवश्यकताओं का पालन करते हुए भारत में संचालित होने वाले विमानों और सभी हवाईअड्डों पर भारतीय संगीत बजाया जाए.
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने आईसीसीआर के प्रस्ताव का हवाला देते हुए देश के विमान संचालकों और हवाई अड्डों को पत्र लिखकर उनसे भारतीय संगीत बजाने को कहा है. मंत्रालय की संयुक्त सचिव उषा पाधी द्वारा लिखे पत्र में कहा गया है, ‘भारत में संगीत सामाजिक एवं धार्मिक जीवन का अभिन्न अंग है. दुनिया के अधिकांश विमानों में बजने वाला संगीत उस देश का होता है, जिससे विमानन कंपनियां संबंध रखती हैं. उदाहरण के लिए, अमेरिकी एयरलाइंस में ज़ाज़, ऑस्ट्रेलियाई एयरलाइंस में मोजार्ट और मध्य-पूर्व की एयरलाइंस में अरब संगीत बजता है. लेकिन इंडियन एयरलाइंस की उड़ानों में शायद ही कभी भारतीय संगीत बजाया जाता है, जबकि हमारे संगीत की एक समृद्ध विरासत और संस्कृति है. यह उन कई चीजों में से एक है, जिस पर गर्व करने के लिए हर भारतीय के पास एक उपयुक्त कारण है.’
आईसीसीआर भारत सरकार की एक स्वायत्त संस्था है, जो विदेश मंत्रालय के अंतर्गत काम करती है. इसके अध्यक्ष राज्यसभा सांसद विनय सहस्रबुद्धे हैं. सहस्रबुद्धे और संगीत क्षेत्र की कुछ हस्तियों ने कुछ दिन पहले नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को एक ज्ञापन सौंपा था. इसमें यह मांग की गई थी कि देश में संचालित विमानों और हवाई अड्डों पर भारतीय संगीत बजाया जाए. 23 दिसंबर को सिंधिया ने आईसीसीआर के मुख्यालय का दौरा किया था. आईसीसीआर का तर्क है कि इस पहल से भारतीय सभ्यता, संस्कृति और परंपरा को बढ़ावा तो मिलेगा ही, इससे लोगों का भावनात्मक जुड़ाव भी बढ़ेगा.
बैठक में संगीत निर्देशक अनु मलिक व कौशल एस. इनामदार, लोक गायिका मालिनी अवस्थी, शौनक अभिषेक, मंजूषा पाटिल-कुलकर्णी, संजीव अभ्यंकर, रीता गांगुली और वसीफुद्दीन डागर सहित कलाकार और संगीतकार भी उपस्थित थे.