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चीन, पाकिस्तान सहित अन्य देशों को विशेष निगरानी सूची वाले देशों में डाला

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नई दिल्ली. अमेरिका ने International Religious Freedom Act of 1998 के तहत चीन व पाकिस्तान को ‘चिंताजनक स्थिति वाले देश’ की सूची में नामित किया है. अमेरिका ने सूची में अन्य देशों को भी शामिल किया है. धार्मिक आजादी के जानबूझकर व व्यवस्थित उल्लंघन के आरोप में देशों को नामित किया गया है. इसके साथ ही पाकिस्तान व चीन अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा सीपीसी के उन 10 देशों में शामिल हो गए हैं, जो धार्मिक समूहों के उत्पीड़न और भेदभाव को रोकने में विफल रहे हैं. चीन और पाकिस्तान दोनों ही देशों में धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ दुर्व्यवहार की खबरें आती रहती हैं.

एक आधिकारिक बयान में, अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि बर्मा, चीन, इरीट्रिया, ईरान, नाइजीरिया, उत्तर कोरिया, सऊदी अरब, पाकिस्तान, तजाकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान को अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता कानून (1998) के तहत सीपीसी की सूची में शामिल किया गया है.

कोमोरोस, क्यूबा, निकारागुआ और रूस को एक विशेष निगरानी सूची में रखा गया है जो धार्मिक स्वतंत्रता के गंभीर उल्लंघन में लगे हुए हैं. अमेरिका दुनियाभर में धार्मिक रूप से प्रेरित दुर्व्यवहारों और उत्पीड़न को समाप्त करने के लिए अथक प्रयास करता रहेगा और यह सुनिश्चित करने में सहायता करेगा कि प्रत्येक व्यक्ति अंतरात्मा की आज्ञा के अनुसार जीने का अधिकार रखता है.

अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि इसके अतिरिक्त अल-शबाब, अल-कायदा, बोको हरम, हयात तहरीर अल-शाम, हूथी, आईएसआईएस, आईएसआईएस-ग्रेटर सहारा, आईएसआईएस-पश्चिम अफ्रीका, जमात नस्र अल-इस्लाम वाल मुस्लिमिन और तालिबान को 2016 के फ्रैंक आर वुल्फ इंटरनेशनल धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत ‘विशेष रूप से चिंताजनक इकाइयों’ के रूप में नामित किया गया है.

सूडान और उज्बेकिस्तान को पिछले साल उनकी सरकारों द्वारा किए गए महत्वपूर्ण और ठोस प्रगति के आधार पर विशेष निगरानी सूची से हटा दिया गया है.

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