नई दिल्ली. पाकिस्तान में हिन्दू युवतियों पर अत्याचार का क्रम नहीं थम रहा है. पंजाब प्रांत में दो हिन्दू बहनों के साथ बंदूक के दम पर दुष्कर्म करने का मामला सामने आया है. इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज करने में तीन दिन लगा दिए. दोनों पीड़ित बहनों की उम्र 16 से 17 वर्ष बताई जा रही है.
रिपोर्ट्स के अनुसार, स्थानीय पुलिस अधिकारी इरशाद याकूब ने बताया कि बहावलनगर जिले में रहने वाली 16 और 17 वर्ष की दो बहनें पांच जून को किसी काम से जा रही थीं. दो व्यक्तियों ने बंदूक दिखा कर उन्हें बंधक बना लिया और उनके साथ दुष्कर्म किया. पुलिस अधिकारी के अनुसार, आरोपियों की पहचान उमर अशफाक और काशिफ अली के रूप में की गयी है. मेडिकल जांच में दोनों बहनों के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई है.
मामले में पुलिस की लापरवाही भी सामने आयी है. पुलिस ने तीन दिन की देरी के बाद यह मामला दर्ज किया, क्योंकि इलाके के कुछ प्रभावशाली लोग पीड़िता के परिवार के साथ मामले को कथित तौर पर सुलझाना चाहते थे. काशिफ अली नामक आरोपी का संबंध क्षेत्र के एक प्रभावशाली परिवार से है.
पुलिस अधिकारी इरशाद याकूब ने कहा कि किशोरियों के पिता की शिकायत के आधार पर आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. उमर को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि काशिफ अली ने अदालत से अग्रिम जमानत हासिल कर ली है.
पाकिस्तान आये दिन भारत में मुस्लिमों पर अत्याचार का ढिंढोरा विश्व में पीटता है. पर, कभी अपने गिरेवान में झाँक कर नहीं देखता है. पिछले साल अप्रैल में सेंटर फॉर डेमोक्रेसी, प्लूरलिज्म एंड ह्यूमन राइट्स (CDPHR) की रिपोर्ट में कहा गया था कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ ‘गैर-नागरिक’ जैसा सलूक किया जाता है. पाकिस्तान में कठोर ईशनिंदा कानून है, जिसका काम अल्पसंख्यकों को निशाना बनाना है. कुरान को अपमानित करने या इस्लाम और पैगंबर को बदनाम करने की झूठी अफवाहें फैलाई जाती हैं. इसके बाद ईशनिंदा कानून से अल्पसंख्यकों को डराया जाता है और धर्मांतरण के लिए मजबूर किया जाता है.