नई दिल्ली. तमिलनाडु के पम्बन रेल ब्रिज का निर्माण कार्य शुरू हो गया है. पुराने पुल के समानांतर बनने वाले 2.05 किलोमीटर लंबे पुल के पहले पाये का काम शुरू हो गया है. इस पुल का कार्य 2021 के अंत तक पूरा हो जाने की उम्मीद है. मंडपम से रामेश्वरम के पम्बन द्वीप को जोड़ने वाले पुल का निर्माण रेल विकास निगम लिमिटेड कर रही है.
पुल की आधारशिला गत वर्ष मार्च में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखी थी. पुल का निर्माण कार्य 8 नवम्बर को शुरू हुआ. यह भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज है. पुराने तकनीक से इतर इसमें पुल दोनों तरफ खुलता नहीं बल्कि समुद्री वाहनों के लिए सीधे ऊपर उठ जाता है. बनने वाले पुल में 18.3 मीटर के 100 स्पॉन तथा 63 मीटर का एक स्पॉन लगा हुआ है. 2.05 किलोमीटर लंबे पुल में बीच का 63 मीटर हिस्सा आवश्यकता पड़ने पर ऊपर की ओर उठ जाएगा. पुल का निर्माण रेलवे द्वारा भविष्य में विद्युतीकरण को ध्यान में रखकर किया जा रहा है.
यह पुल तीर्थयात्रियों को रामेश्वरम के धनुषकोडि को ध्यान में रखकर किया जा रहा है. यह पुल उस महत्वाकांक्षी योजना का पहला हिस्सा है. अगले चरण में रामेश्वरम के पम्बन से धनुषकोडि को जोड़ा जाएगा. दूसरे चरण की लागत 208 करोड़ रुपये है. इसमें 31 छोटे पुल और 10 सड़कें भी बननी हैं.
निर्माणाधीन पम्बन पुल पुराने पुल की जगह लेगा. पुराना पुल 24 फरवरी, 1914 को शुरू हुआ था. 1988 में एक सड़क पुल भी बना. रामेश्वरम के पम्बन से धनुषकोडि का मार्ग 1964 से बाधित है. इस वर्ष समुद्र के तूफान में 115 रेल यात्री ट्रेन समेत समुद्र में समा गए थे. धनुषकोडि से श्री लंका का तलाईमन्नार साफ दिखता है. पहले दोनों देशों के बीच जहाज सेवा भी यात्रियों के लिए चलती थी.
विश्व में समुद्री वाहनों के परिचालन को ध्यान में रखकर कई प्रकार के पुल बनाये जाते रहे हैं. पुराना पुल स्कीर्ज़र रोलिंग लिफ्ट तकनीक से बना था. इसमें पुल का हिस्सा दोनों तरफ बीच से दो हिस्सों में बंटकर ऊपर उठता था. नए पुल में वर्टीकल लिफ्ट तकनीक अपनाई गई है. इसमें पुल दो हिस्से में बंटकर नहीं उठेगा, बल्कि 63 मीटर का हिस्सा सीधे ऊपर उठेगा. इससे बड़े जहाज भी आसानी से आवागमन कर पाएंगे. अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित टावर ब्रिज, जर्मनी का कैथवे ब्रिज इत्यादि वर्टीकल लिफ्ट ब्रिज के अद्भुत नमूने हैं.