लखनऊ. हाथरस घटना की आड़ लेकर उत्तरप्रदेश में बड़े पैमाने पर जातीय हिंसा भड़काने की साजिश और सरकार की छवि बिगाड़ने के प्रयासों का खुलासा हुआ है. और जातीय हिंसा भड़काने की साजिश में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का नाम सामने आया है. सरकार की ओर से भी कहा गया था कि हाथरस में जातीय हिंसा फैलाने के लिए बाहर से पैसा आया. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मॉरिशस से 50 करोड़ रुपये पीएफआई से संबंधित खातों में आए.
दंगों की साजिश रचने वाले PFI को लेकर एक अन्य जानकारी सामने आई है. खुलासा हुआ है कि PFI का चेयरमैन केरल में सरकारी कर्मचारी है. PFI का चेयरमैन ओ. एम. अब्दुल सलाम केरल में बिजली विभाग में काम करता है. अब्दुल सलाम केरल विद्युत बोर्ड में वरिष्ठ सहायक कम कैशियर के पद पर नियुक्त है. वर्ष 2000 में सलाम की सरकारी नौकरी लगी थी और ये केरल के मल्लापुरम जिले का रहने वाला है. सलाम पर बिना अनुमति विदेश जाने के भी आरोप लगे हैं. सरकारी नौकरी में आने से पहले सलाम लोगों को पढ़ाया करता था.
केरल के बिजली विभाग में काम करने वाला अब्दुल सलाम उस पीएफआई संगठन का मुखिया है, जिस पर यूपी के हाथरस में दंगा भड़काने की साजिश का आरोप है. यूपी सरकार की तरफ से कहा गया है कि हाथरस कांड में पीड़ित लड़की की मौत को मुद्दा बनाकर जातीय हिंसा भड़काने की साजिश पीएफआई द्वारा रची जा रही थी. हाथरस की साजिश का केरल कनेक्शन सामने आया है, सबसे बड़ी बात की केरल सरकार पहले ही पीएफआई को बैन करने की मांग कर चुकी है.
इससे पहले सीएए के खिलाफ लोगों को भड़काने तथा हिंसक प्रदर्शनों में भी पीएफआई का नाम सामने आ चुका है. हिंसक प्रदर्शनों में जांच के पश्चात पीएफआई के अनेक सदस्यों को पकड़ा गया था.