रोहिंग्या बस्ती (फाइल फोटो)
नई दिल्ली. देश के विभिन्न हिस्सों में अवैध रूप से घुसे रोहिंग्या मुसलमान अनेक आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त पाए गए हैं, इन लोगों ने अनेक स्थानों पर फर्जी कागजों के आधार पर राशन कार्ड, आधार कार्ड, यहां तक कि पासपोर्ट भी बनवा लिए हैं. इससे समझा जा सकता है कि ये देश की संप्रभुता व आतंरिक सुरक्षा के लिए कितना बड़ा खतरा हैं.
एक तरफ सुरक्षाकर्मी, प्रशासन देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा बन चुके रोहिंग्या मुस्लिम घुसपैठियों को ढूंढ निकालने में जुटे हैं तो दूसरी ओर वामपंथी विचारक और कथित तौर पर आतंकियों के लिए कोर्ट में केस लड़ने वाले प्रशांत भूषण ने रोहिंग्या मुस्लिम की ओर से सर्वोच्च न्यायालय में उन्हें बचाने के लिए याचिका दायर की है.
जिन-जिन देशों में रोहिंग्या मुस्लिम रह रहे हैं, वहां यह बात सामने आ चुकी है कि किस तरह उन्होंने उस देश की आंतरिक सुरक्षा को खतरे में डाला है. सिर्फ इतना ही नहीं रोहिंग्या मुस्लिमों को इस्लामिक स्टेट और अन्य आतंकी संगठनों द्वारा प्रशिक्षण प्रदान करने के समाचार भी सामने आए हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जम्मू कश्मीर पुलिस रोहिंग्या घुसपैठियों के पहुंचने की जांच पड़ताल कर रही है तो ऐसे कई तथ्य सामने आ रहे हैं जो बेहद ही चौंकाने वाले हैं. सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार म्यांमार में रोहिंग्या मुस्लिमों को भगाने से पहले ही उनको जम्मू कश्मीर में लाकर बचाने की कवायद शुरू हो गई थी. ऐसी जानकारी भी सामने आई है कि 1999 में फारूक अब्दुल्ला की सरकार के दौरान ही जम्मू लाकर कुछ रोहिंग्या परिवारों को बसाया गया था.
सुरक्षा एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार यह भी साबित होता नजर आ रहा है कि जम्मू में रोहिंग्या घुसपैठियों के पहुंचने के पीछे म्यांमार में हिंसा असली वजह नहीं है, उन्हें एक बड़ी साजिश के तहत लंबे समय से म्यांमार से जम्मू में लाकर बसाया जा रहा है. उनके अनुसार वर्ष 1999 में जम्मू कश्मीर में आतंकवाद अपने चरम पर था. ऐसे में सामान्य लोग वहां जाने से डरते थे. इसी दौरान रोहिंग्या मुसलमानों के सैकड़ों परिवार हजारों किलोमीटर की यात्रा कर वहां बसने लगे थे. अब इसकी जांच की जा रही है.
इसके पीछे जम्मू कश्मीर स्थित एक एनजीओ की जानकारी सामने आ रही है, जिसे पाकिस्तान, यूएई और सऊदी अरब से फंड मिलने के संकेत भी मिले हैं. कई परिवारों ने तो अपने राशन कार्ड और आधार कार्ड भी बना लिए हैं.
लेकिन, अब ऐसे अवैध घुसपैठियों को बचाने के लिए प्रशांत भूषण ने रोहिंग्या मुसलमान मोहम्मद सलीम उल्ला के नाम पर सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर जम्मू में हिरासत में लिए गए रोहिंग्या घुसपैठियों को तुरंत रिहा करने और उन्हें प्रत्यर्पित करने के आदेश को लागू करने से केंद्र को रोकने का आग्रह किया है.
आखिर क्यों, घुसपैठियों को देश से बाहर निकाला जाता है तो किसी को क्या समस्या हो सकती है?