प्रयागराज. जुमे की नमाज के बाद शुरू हुआ प्रदर्शन देखते ही देखते हिंसक हो गया. पुलिस के प्रयासों के बावजूद कट्टरपंथी असामाजिक तत्व नारेबाजी के साथ पथराव करने लगे. इससे अफरा-तफरी मच गई. छतों से भी पत्थर फेंके गए. पुलिस, आरएएफ और पीएसी ने लाठीचार्ज कर उपद्रवियों को खदेड़ा, लेकिन उपद्रवी सुनियोजित तरीके से थोड़ी-थोड़ी देर में पत्थरबाजी करते रहे.
जुमे की नमाज के बाद प्रयागराज सहित अन्य जिलों में विरोध प्रदर्शन हुआ. राजधानी लखनऊ स्थित टीले वाली मस्जिद परिसर में भी विरोध प्रदर्शन हुआ. पुलिस ने तुरंत मस्जिद को खाली कराया. इसके अलावा सहारनपुर के देवबंद में भी हजारों की संख्या में लोगों ने नारेबाजी की. मुरादाबाद और बिजनौर जिले में भी नमाजियों ने विरोध प्रदर्शन किया. हालांकि पुलिस ने स्थिति को संभाल लिया.
प्रयागराज के अटाला क्षेत्र में नमाजियों ने विरोध प्रदर्शन किया. पुलिस ने जब इन्हें शांत कराने का प्रयास किया तो भीड़ में मौजूद शरारती तत्वों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी. पुलिस बैरिकेडिंग को तोड़ डाला. भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा. आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए. बड़ी संख्या में पीएसी, आरएएफ और पुलिस बल तैनात है. पुलिस का कहना है कि स्थिति पर नियंत्रण किया गया.
कानपुर हिंसा के बाद उत्तर प्रदेश में जुमे के दिन भीड़ इकट्ठा करने को लेकर सोशल मीडिया पर कई पोस्टर वायरल हुए थे. इसके मद्देनजर पूरे प्रदेश में पुलिस और प्रशासन हाई अलर्ट पर हैं. कानपुर शहर और लखनऊ सहित कई जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई. संवेदनशील जिलों की मस्जिदों के बाहर पुलिस का पहरा बैठा दिया गया था. ड्रोन कैमरों से नजर रखी जा रही थी. प्रशासन ने यह अपील की कि नमाजी मस्जिदों में नमाज के बाद अपने घर को लौट जाएं, लेकिन प्रयागराज में इसका असर होता नहीं दिख रहा है.
प्रयागराज में घंटाघर, बजाजा पट्टी, नखासकोहना, नूरूला रोड की दुकानें बंद हैं. पुलिस, पीएसी और आरएएफ के जवान लगातार भ्रमण कर रहे हैं. पुलिस प्रशासन के अधिकारी भी पैदल मार्च कर हालात का जायजा ले रहे हैं.