भारत सरकार चीन पर एक आर्थिक स्ट्राइक करने की तैयारी कर रही है. चीन के 260 से अधिक ऐप्स को प्रतिबंधित करने के बाद अब एक अन्य झटके की तैयारी है. इस बार यह स्ट्राइक टेलीकॉम सेक्टर में करने की तैयारी है. सुरक्षा से जुड़ी कैबिनेट कमेटी की संस्तुति के बाद केंद्र सरकार ने कहा कि टेलीकॉम उपकरण खरीदने के लिए भरोसेमंद कंपनियों की सूची बनाई जाएगी. अभी इस सेक्टर में चीनी कंपनियों का दबदबा है. इसमें ZTE सबसे बड़ी खिलाड़ी है. सरकार के निर्णय का मतलब है कि चीन की कुछ कंपनियों को प्रतिबंधित किया जा सकता है.
केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि सुरक्षा से जुड़ी कैबिनेट कमेटी ने टेलीकम्युनिकेशन सेक्टर में नेशनल सिक्योरिटी डायरेक्टिव को मंजूरी दे दी है. इसके तहत इसकी सप्लाई चेन के लिए सरकार भरोसेमंद सोर्स और प्रोडक्ट की एक लिस्ट जारी करेगी. देश में टेलीकॉम नेटवर्क तैयार करने के लिए कंपनियां इन्हीं से इक्विपमेंट खरीद सकेंगी.
कंपनियों की लिस्ट नेशनल साइबर सिक्योरिटी कोऑर्डिनेटर तैयार करेंगे. सभी टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर को इसी के तहत नए प्रोडक्ट इस्तेमाल करने होंगे. विश्वसनीय कंपनियों और उत्पादों की सूची एक उच्च अधिकार प्राप्त समिति अनुमोदित करेगी. इस समिति का नेतृत्व राष्ट्रीय सुरक्षा उप सलाहकार करेंगे. कमेटी में संबंधित विभागों और मंत्रालयों के सदस्य भी शामिल होंगे. दो मेंबर इंडस्ट्री और इंडिपेंडेंट एक्सपर्ट होंगे. इस कमेटी को नेशनल सिक्योरिटी कमेटी ऑन टेलीकॉम कहा जाएगा.
रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल राजेश पंत और कुछ अन्य विशेषज्ञ देश के सभी टेलिकॉम प्रोवाइडर्स के लिए कुछ विश्वसनीय स्रोत या भरोसमंद उत्पाद की एक लिस्ट तैयार करेंगे. इस कदम का मुख्य लक्ष्य स्वदेशी कंपनियों के डेवलप किए और बनाए गए टेलीकॉम इक्विपमेंट को बढ़ावा देना है.
डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन इन गाइडलाइंस को नोटिफाई करेगा और निगरानी करेगा कि टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर इनका पालन कर रहे हैं या नहीं. इसके लिए लाइसेंस की शर्तों में संशोधन किया जाएगा. यह पॉलिसी मंजूरी मिलने की तारीख से 180 दिनों के बाद से लागू होगी.
विशेषज्ञों का मानना है कि वास्तव में अब भारत को और अधिक सतर्क रहने की जरूरत है. 2019 में भारत और भारतीय नागरिकों को 4 लाख साइबर हमलों का सामना करना पड़ा है. इससे भारत को करीब 1.24 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. 5जी आने वाला है और ऐसे में भारत के पावर प्लांट, बैंक, सरकारी ऑफिस और सिक्योरिटी फोर्सेस की सुरक्षा पर खतरा बढ़ सकता है, जो चिंता की बात है. नेशनल सिक्योरिटी कमेटी ऑन टेलीकॉम के गठन और इसके द्वारा निर्दिष्ट और इसकी निगरानी में टेलीकॉम क्षेत्र सारी चुनौतियों के साथ प्रभावी तरीके से निपट सकेगा.