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पुणे – ललिता कला केंद्र में नाटक में आपत्तिजनक भाषा को लेकर विवाद

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पुणे. आपत्तिजनक संवादों के कारण सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के ललित कला केंद्र में ‘रामलीला’ से संबंधित नाटक का मंचन रोक दिया गया. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि शुक्रवार रात विवादित नाटक के मंचन के दौरान माहौल गरमा गया और हाथापाई की स्थिति उत्पन्न हो गयी.

नाटक में श्री राम और सीता माता के पात्रों के मुख से गाली-गलौज और आपत्तिजनक संवादों के प्रयोग को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने नाटक का मंचन रुकवाया. जिसके बाद स्थिति गरमा गई.

2 फरवरी, 2024 को सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के ललित कला केंद्र द्वारा तीन नाटकों का आयोजन किया गया. इनमें से तीसरा नाटक हिन्दू आदर्श भगवान श्री राम और सीता माता पर आधारित था. नाटक को देखने के लिए सभी छात्रों को आमंत्रित किया गया था और विश्वविद्यालय परिसर में खुले थिएटर में इसका प्रदर्शन किया गया. नाटक के माध्यम से धार्मिक एवं सामाजिक विद्वेष पैदा करने के उद्देश्य से सीता माता के पात्र से अभद्र गालियां बुलवाई गईं. इसके अलावा, सीता माता को विश्वविद्यालय परिसर में मंच पर अभद्र रूप से धूम्रपान करते हुए दिखाया गया, और इन नाटकों में लक्ष्मण और रावण को मैत्रीपूर्ण संबंध के रूप में दिखाया गया. साथ ही पात्रों की तुलना राखी सावंत से की गई.

हिन्दुओं की आस्था को ठेस पहुंचाने का कार्य किया गया. इसके मुख्य सूत्रधार नाटक के लेखक, निर्देशक, पात्र निभाने वाले छात्र और ललित कला केंद्र के विभागाध्यक्ष प्रो. प्रवीण भोले हैं, जिन्हें इस सबकी पहले से जानकारी थी.

विद्यार्थी परिषद ने इस संबंध में एक वक्तव्य जारी किया है, जिसमें कहा – ”विभाग द्वारा प्रस्तुत नाटकों में भगवान श्री राम और सीता माता के पात्रों को विदूषक के रूप में चित्रित किया गया है. देवी-देवताओं के मुंह से भगवान श्री राम को गालियां दी गई. हिन्दू देवी-देवताओं को लेकर ऐसी भाषा बिल्कुल सहन नहीं की जाएगी. संबंधित दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए”.

एबीवीपी पुणे महानगर संयुक्त मंत्री महादेव रंगा ने कहा कि जब वी मेट नामक इस नाटक की स्क्रिप्ट विभाग के एक छात्र द्वारा लिखी और निर्देशित की गई है. विद्यार्थी परिषद ने कहा कि विश्वविद्यालय में हिन्दू देवी-देवताओं का अपमान सहन नहीं करेगी. विश्वविद्यालय के शैक्षणिक माहौल को दूषित नहीं होने देंगे.

यह अनुभव करते हुए कि यह नाटक सामाजिक और धार्मिक तनाव पैदा कर रहा है, आम छात्रों, एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने नाटक का मंचन बंद करवा दिया. नाटक में सहभागी छात्रों ने पूर्व नियोजित ढंग से पहले से तैयार रखे हथियारों (कुदाल, फावड़ा, लाठी) से एबीवीपी कार्यकर्ताओं पर हमला कर दिया.

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इस कृत्य पर विरोध जताया. पुणे महानगर मंत्री हर्षवर्द्धन हरपुडे ने कहा कि विद्यार्थी परिषद ने संबंधित छात्रों, विभाग प्रमुख के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और कानूनी कार्रवाई की मांग की है. कुछ प्रोफेसर और छात्र जानबूझकर हिन्दुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं. परिषद इन सभी असामाजिक ताकतों के खिलाफ डटकर खड़ी है. परिषद कार्यकर्ता व छात्र, समाज की एकता के लिए काम करेंगे, और इन ताकतों की साजिश को नाकाम करेंगे.

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