नई दिल्ली. पिछले साल कोरोना के खिलाफ जंग में सारा देश एकजुट होकर खड़ा हुआ था. वहीं, वर्तमान में दूसरी लहर के दौरान भी संकट के खिलाफ एकजुट है. इसी क्रम में कोरोना के खिलाफ जंग में भारतीय रेलवे कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है. रेलवे ने देशभर में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अपने डिब्बों को कोविड केयर कोच में परिवर्तित किया है. रेलवे के अनुसार वर्तमान में उसके पास 16 जोन में 4,002 परिवर्तित कोच हैं और राज्य सरकार के अनुरोध पर इन्हें उपलब्ध कराया जा सकता है.
दिल्ली सरकार ने रेलवे से किया आग्रह
इधर, केजरीवाल सरकार ने कोरोना वायरस के मामलों में लगातार हो रही वृद्धि को देखते हुए रेलवे से दिल्ली के स्टेशनों में कोविड केयर कोच तैनात करने की मांग की. दिल्ली सरकार ने शकूर बस्ती और आनंद विहार रेलवे स्टेशनों पर कोविड केयर कोच के पांच हजार बेड की व्यवस्था करने का आग्रह किया.
सुविधाओं से लैस कोविड केयर कोच
कोविड केयर कोच में रेलवे ने मरीजों की सुविधा के लिए तमाम व्यवस्थाएं की हैं. मौसम के हिसाब से कोच के अंदर गर्मी न लगे, इसलिए इनमें कूलर लगाए गए हैं. ऑक्सीजन सिलेंडर, डस्टबिन आदि की सुविधा दी गई है.
वहीं, पिछले साल की बात करें तो रेलवे ने जुलाई 2020 में 12 हजार 4 सौ 72 बेड के साथ 813 कोच तैनात किए थे. इनमें से नई दिल्ली को 503 कोच, उत्तर प्रदेश को 270 और बिहार को 40 कोच उपलब्ध कराए थे. हालांकि, इनमें से अधिकांश कोच का उपयोग नहीं किया गया था. इसके अलावा मरीजों ने कोच के अंदर गर्मी और मच्छरों की शिकायत की थी.
महाराष्ट्र को मिले 94 कोविड केयर कोच
रेल मंत्रालय ने महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले में भी 94 कोविड केयर कोच उपलब्ध कराए हैं, जहां अब तक छह कोविड-19 मरीजों को भर्ती किया जा चुका है. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार महाराष्ट्र ने भारतीय रेलवे से कोविड केयर कोच की मांग की है, जिसके बाद रेलवे ने इन कोच को राज्य को आवंटित किया.
राजधानी में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच बिस्तरों की कमी को दूर करने के लिए उत्तर रेलवे ने पहल की है. रेलवे ने 75 कोविड केयर आइसोलेशन कोच दो रेलवे स्टेशनों पर खड़े किए हैं. इसमें 1200 बिस्तर उपलब्ध हैं. उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने वर्चुअल प्रेसवार्ता में बताया कि शकूरबस्ती रेलवे स्टेशन पर 50 कोच लगाए गए हैं. इनमें 800 मरीजों के लिए बिस्तर उपलब्ध हैं. इसी तरह आनंद विहार टर्मिनल पर 25 कोच लगाए गए हैं. इनमें 400 मरीजों का इलाज किया जा सकता है. आवश्यकता के अनुसार कोच की संख्या को बढ़ाया जा सकता है.