राखीगढ़ी. एएसआई को हिसार जिले में हरियाणा के राखीगढ़ी में सिंधु घाटी सभ्यता की एक आभूषण बनाने की फैक्ट्री मिली है. राखीगढ़ी सिंधु घाटी सभ्यता के हड़प्पा कालीन सबसे बड़ा पुरातात्विक स्थल है जो दो वर्तमान गांवों के अंतर्गत आता है : राखी-शाहपुर और राखी गढ़ी-खास. राखीगढ़ी को हड़प्पा संस्कृति के एक प्रमुख महानगरीय केंद्र के रूप में वर्गीकृत किया गया है.
यह महत्वपूर्ण है क्योंकि यह इस बात की पुष्टि करती है कि सिंधु घाटी सभ्यता अत्यधिक परिष्कृत और नियोजित थी. राखीगढ़ी और उसके आसपास चल रही वर्तमान खुदाई में कुछ घरों की संरचना, किचन कॉम्प्लेक्स और 5000 साल पुरानी ज्वैलरी बनाने की फैक्ट्री मिली है. कुछ तांबे और सोने के आभूषण भी मिले हैं जो हजारों सालों से नीचे छिपे हुए थे.
“हमने पिछले 20 वर्षों में सिनौली, हस्तिनापुर और राखीगढ़ी पर बहुत काम किया है. राखीगढ़ी के लोग हस्तिनापुर के लोगों के पूर्वज थे और इसी से संस्कृति को विकास और गति मिली,” एएसआई के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) डॉ संजय मंजुल ने कहा.
इन निष्कर्षों से पता चलता है कि सिंधु घाटी सभ्यता के शहर, विशेष रूप से हड़प्पा, योजनाबद्ध थे. सड़कों को अच्छी तरह से नियोजित किया गया था, जिसमें नालियां ढकी हुई थीं और कूड़ेदान सही स्थानों पर रखे गए थे.
आभूषण बनाने की फैक्ट्री के पास से दो महिलाओं के कंकाल भी मिले हैं. इसमें बर्तन भी हैं, जो संभवत: महिलाओं द्वारा उपयोग किए जाते हों. पुरातत्वविदों का मानना है कि वे सैकड़ों वर्षों से वहां पड़े होंगे.
मेसोपोटामिया और मिस्र के साथ, सिंधु घाटी सभ्यता दुनिया की सबसे पुरानी ज्ञात सभ्यता है. यह 1920 में खोजा गया था. पंजाब क्षेत्र में हड़प्पा और सिंध क्षेत्र में मोहन्जो-दड़ो, दोनों वर्तमान पाकिस्तान में, सिंधु घाटी सभ्यता के दो सबसे प्रसिद्ध शहर हैं. पुरातत्वविदों का मानना है कि यह 5000-7000 साल पुरानी है. सभ्यता के अवशेष दिल्ली तक फैले हुए हैं.Set featured image
हड़प्पा में जनसंख्या 23,500-35,000 और मोहनजो-दड़ो में 35,000-41,250 होने का अनुमान लगाया गया था. 1969 में प्रो. सूरज भान के एक अध्ययन के दौरान पता चला कि राखी गढ़ी के अवशेष हड़प्पा संस्कृति के हैं.
राखी गढ़ी और आसपास के क्षेत्रों में 500 हेक्टेयर में फैली एक क्लस्टर टाउनशिप थी, जिसमें 11 टीले शामिल हैं, जिन्हें RGR-1 से RGR-11 नाम दिया गया है.