भोपाल. वनवासी कल्याण परिषद, महाराणा प्रताप नगर के सभागृह में शनिवार को आयोजित युवा संवाद कार्यक्रम में मुकुल कानितकर ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण केवल उसकी भव्यता और दिव्यता के लिए नहीं जाना जाएगा, बल्कि यह राष्ट्र की चेतना को जगाने वाले मंदिर के रूप में समूचे विश्व में पहचान बनाएगा. राष्ट्र की चेतना जो वर्षों पहले कहीं खो गई थी, उस चेतना के जागरण की शुरुआत प्रभु श्री राम के मंदिर के निर्माण के साथ हो चुकी है. मुकुल जी कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे.
उन्होंने कहा कि राष्ट्र की चेतना के जागरण को पूरा विश्व देख रहा है. राम मंदिर का निर्माण केवल एक मंदिर का निर्माण नहीं है, अपितु यह राष्ट्र के नव जागरण का अवसर है. जब पूरे विश्व में कई देश आपस में युद्ध कर रहे हैं, आपसी संघर्ष से जूझ रहे हैं, जिसके कारण मानवता संकट में है. लेकिन इसी समय में भारत मर्यादा के नए मापदंड स्थापित कर रहा है.
भारत का निर्माण ऋषि–मुनियों ने कड़ी तपस्या से विश्व कल्याण के लिए किया था. उन्होंने कहा कि बाबरी निर्माण के बाद से भारत अपने कर्तव्य से विमुख हो गया, परंतु अब राम मंदिर के निर्माण से एक बार फिर चेतना का संचार होगा. राम मंदिर का यह निर्माण केवल उस अयोध्या की भूमि पर नहीं हो रहा है, बल्कि यह हर व्यक्ति के हृदय में राम मंदिर का निर्माण कर रहा है. उन्होंने रामायण के प्रसंग का उदाहरण देते हुए कहा कि 22 जनवरी को वह भी स्वयं के जामवंत बनकर अपने आप से ये प्रश्न पूछें कि मेरा क्या कर्तव्य है, मेरे जीवन को मैं किस तरह से राष्ट्र मंदिर के निर्माण में रामशिला की तरह लगा सकता हूं.
कार्यक्रम में सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय युवा बड़ी संख्या में उपस्थित रहे.