नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक ने मास्टरकार्ड एशिया पैसेफिक पर नए क्रेडिट, डेबिट और प्रीपेड कार्ड ग्राहक बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. आईबीआई के निर्देश 22 जुलाई से लागू हो रहे हैं. कंपनी द्वारा नियमों का अनुपालन नहीं करने के कारण आरबीआई ने यह कार्रवाई की है. आरबीआई की कार्रवाई से मास्टरकार्ड के वर्तमान ग्राहकों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
रिपोर्ट्स के अनुसार RBI ने मास्टरकार्ड पर लोकल डाटा स्टोरेज नियमों की अवहेलना पर 22 जुलाई से नए ग्राहकों को ऑन-बोर्ड करने से प्रतिबंधित किया है. RBI ने अप्रैल 2018 को पेमेंट सेवाएं देने वाली सभी कंपनियों, फिनटेक के लिए डेटा स्टोरेज से जुड़े नियम जारी किए थे. 2018 के नियमों के अनुसार, विदेशी कंपनियों को देश में पेमेंट का डेटा लोकल सर्वर पर रखना होगा. मास्टरकार्ड पर इन नियमों का पालन नहीं करने का आरोप है. कंपनी को पर्याप्त समय और अवसर देने के बाद भी, वह भुगतान प्रणाली आंकड़ों के रखरखाव पर दिशा-निर्देशों का अनुपालन करने में विफल रही है.
आरबीआई के अनुसार, भुगतान प्रणाली आंकड़ों के रखरखाव को लेकर छह अप्रैल, 2018 को परिपत्र जारी किया गया था. इसके तहत सभी संबंधित सेवा प्रदाताओं को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया कि वे छह महीने के भीतर भुगतान व्यवस्था से संबंधित सभी आंकड़े केवल भारत में ही रखने की व्यवस्था करें.
मास्टरकार्ड तीसरी प्रमुख भुगतान प्रणाली परिचालक है, जिस पर भुगतान प्रणाली आंकड़ों के रखरखाव पर आरबीआई के निर्देश का अनुपालन न करने को लेकर प्रतिबंध लगाया गया है. इससे पहले, आरबीआई ने अमेरिकन एक्सप्रेस बैंकिंग कॉर्प और डाइनर्स क्लब इंटरनेशनल लिमिटेड को मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए एक मई से अपने कार्ड नेटवर्क पर नए घरेलू ग्राहकों को जोड़ने से प्रतिबंधित कर दिया था.
रिपोर्ट्स के अनुसार मास्टर कार्ड पर प्रतिबंध का सबसे अधिक प्रभाव एक्सिस बैंक (Axis Bank), यस बैंक (Yes Bank), इंडसइंड बैंक, सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और बजाज फिनसर्व पर होगा. ग्लोबल ब्रोकरेज कंपनी नोमुरा (Nomura) की रिपोर्ट के अनुसार, अब करीबन सात ऐसे वित्तीय संस्थान या बैंक हैं जो नए कार्ड नहीं जारी कर पाएंगे.