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संस्कृति पत्रिका ‘भारती’ के मार्गशीर्ष अंक का विमोचन

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जयपुर. “संस्कृति के उन्नयन तथा भारतीयता के जागरण में संस्कृत पत्रिकाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. आने वाले समय में संस्कृत आधारित पत्र-पत्रिकाओं की संख्या बढ़ाने का प्रयास होना चाहिए.” राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख नरेंद्र ठाकुर ने संस्कृत मासिक पत्रिका ‘भारती’ के मार्गशीर्ष अंक के विमोचन पर संबोधित किया.

समाजसेवी बाबा साहब आप्टे तथा संस्कृत विद्वान गिरिराज शास्त्री द्वारा सन् 1950 में प्रारंभ की गई ‘भारती’ देश की एकमात्र संस्कृत पत्रिका है जो विगत 72 वर्षों से निरंतर प्रकाशित हो रही है. छोटी काशी कहलाने वाले जयपुर में प्रकाशन के बाद यह देश के विभिन्न संस्कृत शिक्षण संस्थानों तथा पाठकों तक पहुंचाई जाती है.

‘भारतीय संस्कृत प्रचार संस्थान’ के माध्यम से प्रकाशित होने वाली इस पत्रिका में संस्कृत, साहित्य, गजल काव्य, पुस्तक समीक्षा, संस्कृति, इतिहास, आयुर्वेद, स्त्री विमर्श जैसे विभिन्न विषयों को समाहित किया जाता है.

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