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मजहबी कट्टरता एवं जनसंख्या असंतुलन पर लगाम लगे

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मेरठ. महानगर के सर्किट हाउस में पत्रकार बंधुओं से बातचीत में विश्व हिन्दू परिषद के संयुक्त महामंत्री सुरेंद्र जैन ने कहा कि आज देश के सामने बढ़ता जनसंख्या असंतुलन बहुत बड़ी चुनौती  बनती जा रही है. अभी उत्तर प्रदेश सरकार ने इस विषय पर बड़ी पहल की है. इस पर एक क़ानून बनाने के लिए विचार कर रही है. विश्व हिन्दू परिषद योगी आदित्यनाथ जी से अपील करता है कि जनसंख्या नियंत्रण पर जल्द क़ानून बने. जनसंख्या असंतुलन देश की प्रगति में बाधक है. इसी कारण भूतकाल में पाकिस्तान और बांग्लादेश का निर्माण हुआ था. जमीयत उलेमा हिन्द एवं देवबंद के दोगले चहरे को आज पूरा भारत देख रहा है. ये लोग कभी भी किसी आतंकवादी के ख़िलाफ़ फ़तवा जारी नहीं करते. लेकिन अगर कोई भारत एवं हिन्दू समाज की बात करता है तो उसके लिए अनेकों फ़तवे जारी हो जाते हैं. पिछले दिनों शिव भजन गाने पर एक यू-ट्यूबर के खिलाफ फ़तवा जारी हो गया, लेकिन शिव विहार में हुए नरसंहार पर किसी के मुँह से एक शब्द नहीं निकला. क्या ये दोहरा मापदंड नहीं है? जबकि मीडिया रिपोर्ट और अनेकों एजेंसियों ने स्पष्ट कहा था कि ये कार्य देवबंद के कट्टरपंथी विद्यार्थियों ने किया है.

सुरेंद्र जैन ने कहा कि CAA का विरोध करने वालों में देवबंद और इस्लामिक जमात सबसे आगे रही है. इनके लोग ही सड़कों पर उतर कर उग्र प्रदर्शन कर रहे थे. मेरा सवाल देवबंद और जमीयत उलेमा हिन्द से है कि क्या वो इन हत्यारों के साथ खड़े हैं? इन आतंकियों से जमीयत का क्या संबंध है?

आज भारत में रहने वाले सभी मुस्लिमों एवं सम्पूर्ण इस्लामिक जमात से मेरा प्रश्न है कि आप लोगों के पूर्वज कौन थे, जिन हिन्दुओं को तुम काफिर कहते हो उनके पूर्वज और तुम्हारे पूर्वज एक ही हैं. जमीयत उलेमा हिन्द को दारुल इस्लाम पर अपना मत स्पष्ट करना होगा. अपना दोहरा चरित्र बदल कर हिन्दू समाज के साथ नये भारत के निर्माण में अपना सहयोग देना ही होगा. आज पूरा विश्व भारत को महाशक्ति बनते देख रहा है, आने वाली शताब्दी भारत की होगी. ये बात कट्टरपंथी जमात और इसको मानने वालों को समझनी चाहिए.

कुछ लोग आज श्रीरामचरित मानस पर ऊंगली उठा रहे हैं. उन लोगों को भाषा एवं धर्म का ज्ञान भी नहीं है. यही टिप्पणी अगर किसी अन्य धर्म पर की होती तो अब तक अनेकों फ़तवे जारी हो गए होते. लेकिन हिन्दू समाज इतने बड़े अपमान पर भी शांत है, यही हिन्दू धर्म की विशेषता व सहिष्णुता है.

उन्होंने कहा कि पंडित का अर्थ विद्वान भी होता है, लेकिन लोगों ने पंडित का अर्थ ब्राह्मण बना दिया. इसी वजह से अर्थ का अनर्थ हो गया. भारत में आदि काल से वर्ण कर्म के अनुसार रहा है, ना कि जन्म के अनुसार. प्रेस वार्ता में प्रांत सह मंत्री राजकुमार डूंगर जी उपस्थित रहे.

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