इंदौर. इंदौर आईआईटी के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के शोध में निष्कर्ष निकला है कि हरे कृष्ण मंत्र का 108 बार जाप करने पर मन शांत होता है व तनाव से मुक्ति मिलती है. शोधकर्ता टीम ने पूरी रिसर्च के लिए 37 लोगों का चयन किया था और उनके मस्तिक से निकलने वाली ईईजी सिग्नल को रिकॉर्ड कर शोध किया गया.
शोध के दौरान हरे कृष्ण महामंत्र जाप करवाया गया. शोध करने वाली टीम ने हरे कृष्ण महामंत्र का जाप करने वाले व्यक्तियों का पहले मस्तिक का अवलोकन किया और जाप के बाद उनके मस्तिष्क का अवलोकन किया. इस दौरान जाप के बाद मस्तिष्क काफी शांत और तनावमुक्त नजर आया.
आईआईटी के प्रमुख ने बताया कि जाप के पहले और बाद में 90-90 सेकंड तक समान अवस्था में मस्तिष्क के सिग्नल रिकॉर्ड किए गए. शोध टीम के प्रमुख डॉ. रामविलास के अनुसार दिमाग से मुख्यत: पांच प्रकार के सिग्नल निकलते हैं. इनमें अल्फा फ्रीक्वेंसी बैंड शांति और सुकून के परिचायक होते हैं. बीटा फ्रीक्वेंसी बैंड चिंता-तनाव प्रदर्शित करती है. जांच के बाद अल्फा बैंड की पावर बढ़ी और बीटा की पावर कम पाई गई. बता दें कि आईआईटी इंदौर का यह शोध मस्तिष्क संबंधी बीमारियों के उपचार में काफी लाभदायक साबित हो सकता है.
‘हरे कृष्णा’ मंत्र का 108 बार जाप
भारतीय संस्कृति में कहा जाता है कि शास्त्रों में दिए मंत्रों के उच्चारण में एक अलग ही शक्ति है और इनका प्रभाव मानव शरीर पर सकारात्मक रूप से पड़ता है. इन्हीं बातों को लेकर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आईआईटी इंदौर में एक शोध कार्य किया गया. जिसके दौरान पता लगाया गया कि मंत्र के जाप का किस तरह प्रभाव पड़ता है.
आईआईटी इंदौर के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा किए शोध में सामने आया कि, हरे कृष्ण मंत्र का 108 बार जाप का मस्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. इसके उच्चारण से शांति व प्रसन्नता का अनुभव होता है और व्यक्ति तनावमुक्त होता है. शोध के लिए टीम ने संस्थान के ही 37 लोगों का चयन किया था.
शोध टीम प्रमुख डॉ. राम बिलास पचोरी के अनुसार, “मस्तिष्क से निकलने वाले ईईजी सिग्नल रिकॉर्ड करने के लिए उन्हें एक टोपी पहनाई गई, जिसमें 10 इलेक्ट्रोड लगे थे. जाप के पहले और बाद में 90-90 सेकंड तक समान अवस्था में मस्तिष्क के सिग्नल रिकॉर्ड किए गए.”
शोध कार्य के दौरान सामने आया कि मस्तिष्क पर मंत्र जाप के सकारात्मक प्रभाव के कारण व्यक्ति के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी वृद्धि होती है, तनाव कम होने से कई बीमारियों का इलाज संभव है. मानसिक पटल पर पड़ने वाले सकारात्मक प्रभाव से शरीर में होने वाली कई बीमारियों का उपचार किया जा सकता है.