रोहतक. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी ने 25 सितंबर को रोहतक में आयोजित गुरु सुदर्शन जी महाराज जन्मशताब्दी महोत्सव में गुरु सुदर्शन जी को श्रद्धासुमन अर्पित किए. उन्होंने कहा कि संत किसी से कुछ नहीं लेते. जिन्होंने सब कुछ छोड़ दिया वो क्या लेंगे. वो तो जीवन में सन्मार्ग पर कैसे चलें, इसका रास्ता बताते हैं. अगर भगवान रूठ जाएं तो गुरु के पास ठोर है, अगर गुरु रूठ जाएं तो भगवान भी नहीं बचा सकते. स्वामी रामकृष्ण परमहंस और उनके शिष्य का वृतांत बताते हुए कहा कि कैसे गुरु अपने शिष्य की बुराई दूर कर सकता है.
उन्होंने कहा कि गुरु सुदर्शन रोहतक की पावन धरा पर जन्मे और पूरे राष्ट्र में समरसता का प्रचार-प्रसार किया. वो राष्ट्र संत थे. ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन हम परमार्थ को ध्यान में रखते हुए करते हैं ताकि हमें गुरु जी द्वारा दिखाए गए सन्मार्ग पर चलते रहने की अनुभूति रहे. महोत्सव की प्रबंधन व्यवस्था में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ रोहतक व विविध संगठनों के 200 स्वयंसेवकों ने सहयोग दिया. कार्यक्रम में लगभग छह हजार अनुयायी उपस्तिथ रहे.