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‘संघ नींव में विसर्जित पुष्प’ प्रदर्शनी में दिखी संघ की ‘अतीत से वर्तमान’ तक की यात्रा

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गाजियाबाद. आज नागरिक विभिन्न विषयों पर संघ के विचार तथा इसकी कार्यप्रणाली से परिचित होना चाहते हैं. संघ और इसके कार्यक्षेत्र के बारे में अनुकरणीय व महत्वपूर्ण जानकारी देती एक प्रदर्शनी का शनिवार को नेहरू नगर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर प्रांगण में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पश्चिमी उप्र एवं उत्तराखंड क्षेत्र के कार्यकर्ता विकास वर्ग-प्रथम में शुभारंभ किया गया. वर्ग एवं प्रदर्शनी का उद्घाटन पश्चिमी उप्र एवं उत्तराखंड के क्षेत्र प्रचारक महेंद्र शर्मा ने किया. प्रदर्शनी का अवलोकन करने बड़ी संख्या में नगर के प्रबुद्ध नागरिक, विद्यार्थी, सामाजिक संगठन व मातृशक्ति विद्या मंदिर पहुंचे.

तेजोमय प्रतिबिम्ब तुम्हारे (संघ नींव में विसर्जित पुष्प) विषय पर आयोजित प्रदर्शनी में सामाजिक–सांस्कृतिक संगठन होते हुए भी संघ ने भारतीय समाज को राष्ट्रभाव की ओर कैसे परिवर्तित किया है और संघ स्थापना से लेकर वर्तमान तक की स्वयंसेवक पीढ़ी ने समाज जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में जो अनुकरणीय कार्य किए, यह सब चित्रों के माध्यम से दर्शाया गया. प्रदर्शनी में वर्ष 1925 में पूजनीय डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार जी द्वारा संघ स्थापना से लेकर वर्तमान तक के सरसंघचालकों के जीवनवृत्त को उकेरा गया है. साथ ही भारतवर्ष में प्रत्येक राज्य एवं प्रत्येक जिले में संघ शाखाओं के माध्यम से किस प्रकार सामाजिक कार्य कर रहा है, इसे भी दर्शाया गया है. संघ के स्वयंसेवक समाज में 1.50 लाख सेवा कार्य कर रहे हैं.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने देश को आजाद कराने में भी अपनी भूमिका निभाई है. स्वयंसेवकों द्वारा प्राकृतिक आपदाओं में सहायता, कश्मीर की समस्या या आतंकवाद हर समस्या में संघ राष्ट्र के साथ-साथ खड़ा है, इसकी झांकी प्रदर्शनी में देखने को मिलेगी. साहित्य, संगीत, कला, विज्ञान, पर्यावरण, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन, मातृशक्ति, स्वरोजगार आदि क्षेत्रों में स्वयंसेवकों द्वारा विविध संगठनों के माध्यम से किए जा रहे कार्यों के बारे में प्रदर्शन के माध्यम से जानकारी देने का प्रयास किया गया है.

वर्ग के पालक एवं पश्चिमी उप्र एवं उत्तराखंड के प्रचार प्रमुख पद्म सिंह ने बताया कि हर समाज में देशभक्त, अनुशासित, चरित्रवान और नि:स्वार्थ भाव से काम करने वाले लोगों की आवश्यकता रहती है. संघ ऐसे लोगों को तैयार कर उनको संगठित करने का कार्य करता है. ज्ञान विज्ञान के क्षेत्र में हमारा देश सर्वश्रेष्ठ हो, आथिक दृष्टि से वह स्वावलंबी और सम्पन्न हो, इसके लिए संघ संपूर्ण समाज को संगठित करने का प्रयास करता है और कार्यकर्ता विकास वर्ग इसका एक सोपान है. वर्ग में आयोजित प्रदर्शनी समाज को एक दृष्टि देती है कि भारत का जीवन एक प्राचीन विचार है, एक चिंतन है. यह जीवन दृष्टि एकात्म और सर्वांगीण है और यही जीवन दृष्टि भारत की पहचान है.

पद्म सिंह ने बताया कि 20 दिवसीय वर्ग 26 मई से 16 जून तक आयोजित होगा. लगभग 300 स्वयंसेवक राष्ट्र प्रथम की भावना के साथ शारीरिक, बौद्धिक, अनुशासन, व्यवस्था और संस्कार का प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे.

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