कोरबा. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कोरबा द्वारा “संकल्प शंखनाद” अभियान के अंतर्गत 2025 से अधिक स्वयंसेवकों ने पथ संचलन में भाग लिया. 25 दिसंबर को पथ संचलन तीन स्थानों से निकला. मुख्य कार्यक्रम ओपन थिएटर घंटाघर मैदान में हुआ, जहां स्वयंसेवकों ने शारीरिक कार्यक्रम का प्रदर्शन किया.
तीनों पथ संचलन क्रमशः एसईसीएल कॉलोनी सुभाष ब्लॉक, डॉ. राजेंद्र नगर और कोसाबाड़ी चौक हनुमान मंदिर से प्रारंभ हुआ. इन स्थानों पर पथ संचलन वाहिनी को सिक्ख समाज की ओर से सुखविंदर सिंह, सतविंदर सिंह, जनजाति समाज की ओर से एसएस गोंड और बिसगवा सतनामी समाज से देव रत्नाकर ने ध्वज प्रदान किए. घोष दल के साथ निकले पथ संचलन में संरचना का अहम महत्व रहा. कोरबा नगर के अनेक सामाजिक संगठनों की ओर से भगवा ध्वज और स्वयंसेवकों पर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख रामलाल थे. सामाजिक कार्यकर्ता बाबूलाल राज ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की. मंच पर प्रान्त संघचालक डॉ. पूर्णेन्दु सक्सेना और जिला संघचालक उपस्थित थे.
जिले की आराध्य देवी सर्वमंगला, मातीन दाई और मड़वारानी के चित्र आकर्षण व श्रद्धा का केंद्र रहे. अध्यक्ष बाबूलाल राज ने भिन्न-भिन्न परिप्रेक्ष्य में आरएसएस की भूमिका को रेखांकित किया. जिला संघचालक ने संकल्प शंखनाद के उद्देश्य पर प्रकाश डाला.
300 ग्रामों को आदर्श बनाने की परिकल्पना
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने पिछले वर्षों में मिशन 2020 को ध्यान में रखकर काम करना शुरू किया था. वर्ष 1925 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपनी स्थापना के 4 वर्ष पूरे करने जा रहा है. सभी तरफ विभिन्न काम किए जा रहे हैं. कोरबा जिले ने तय किया है कि वर्ष 2025 तक जिले के तीन सौ गांव को आदर्श बनाया जाएगा. संस्कार आधारित शिक्षा, आदर्श परिवार, पर्यावरण, स्वावलंबन, आदर्श कृषि, सहकार और पुरातन मूल्य संस्कार के साथ तीन ग्रामों को शाखायुक्त किया जाना लक्षित है. इसके लिए अभी से काम शुरू कर दिया गया है. स्वयंसेवकों को सभी क्षेत्रों में उनकी भूमिका सुनिश्चित करने के लिए दायित्व दिया जा रहा है.
देश को समुन्नत करने का काम कर रहा संघ – रामलाल जी
संकल्प शंखनाद समारोह के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख रामलाल जी ने कहा कि सज्जन शक्ति को संरक्षित करने और देश को समुन्नत करने के लिए संघ प्रभावी ढंग से काम कर रहा है. इस कार्य को बढ़ावा देने के लिए सकारात्मक सोच रखने वालों से हमें सहयोग की अपेक्षा है. भारत को हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने, शोषणमुक्त और समतायुक्त समाज की रचना किया जाना आवश्यक है.
उन्होंने राष्ट्रीय संकट की चर्चा करते हुए असम, बंगाल और केरल में हिन्दुओं के साथ हो रही घटनाओं के संदर्भ में कहा कि यह खतरा काफी घना है, इसलिए हिन्दुत्व को मजबूत करना है. सनातन संस्कृति की रक्षा के लिये यह आवश्यक है. संघ सर्वस्पर्शी और सर्व समावेशी है, जो विशिष्ट कार्य पद्धति के लिए जाना जाता है. जो लोग संघ को नजदीक से नहीं जानते और इसके दृष्टिकोण से अनजान हैं, वे इस बारे में लगातार दुष्प्रचार करते हैं.
