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संत स्वाभिमान यात्रा – संतों को लेकर गई टिप्पणियों के विरोध में सड़कों पर उतरे साधु-संत

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कोलकाता. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा बंगाल के जन-जन में बसे रामकृष्ण मिशन, भारत सेवाश्रम संघ, इस्कॉन जैसी प्रतिष्ठित धार्मिक संस्थाओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर साधु-संतों ने सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया. साधु-संतों ने शुक्रवार शाम स्वामी विवेकानंद जी के जन्मस्थान तक पदयात्रा निकाली.

विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व भारत सेवाश्रम संघ के संन्यासी स्वामी प्रदीप्तानंद उर्फ कार्तिक महाराज ने किया. विभिन्न संगठनों से जुड़े संतों और संन्यासियों ने नंगे पैर कोलकाता की सड़कों पर पदयात्रा की. यह यात्रा बाग बाजार के प्रसिद्ध मां शारदा के पूर्व निवास मायेर बाड़ी के पास स्थित सिस्टर निवेदिता पार्क से शुरू हुई और स्वामी विवेकानंद सर्किट होते हुए विधान सरणी में स्वामी विवेकानंद के पैतृक आवास के पास संपन्न हुई.

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कार्तिक महाराज जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में हिन्दू धर्म खतरे में है. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार की मुखिया स्वयं हिन्दू साधु-संतों पर आघात कर रही हैं, जिसके परिणामस्वरूप पुलिस और पुलिस के संरक्षण में विधर्मी तत्व हिन्दू संन्यासियों पर हमला कर रहे हैं. पिछले साल गंगासागर मेले के दौरान साधु-संतों पर हुए हमलों का उल्लेख करते हुए कार्तिक महाराज ने कहा कि बंगाल में हिन्दू साधु-संतों पर हमले की हिम्मत देने वाला कोई और नहीं बल्कि सीधे तौर पर ममता बनर्जी हैं.

उन्होंने उत्तर बंगाल में रामकृष्ण मिशन के आश्रम पर हुए हमलों और पुलिस द्वारा संन्यासियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में दर्ज मामलों पर भी सवाल उठाए. कार्तिक महाराज ने बताया कि साधु-संत आज कोलकाता की सड़कों पर नंगे पैर पदयात्रा कर रहे हैं और इनका एक ही उद्देश्य है – राज्य में हिन्दू विरोधी सरकार को सबक सिखाना.

 

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