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आत्मदाह करने वाले बाबा विजयदास की उपचार के दौरान मौत, बरसाना में होगा अंतिम संस्कार

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भरतपुर. जिले के डीग क्षेत्र में आदिबद्री धाम और कनकांचल में हुए अवैध खनन के खिलाफ आंदोलन के दौरान स्वयं को आग लगाने वाले बाबा विजयदास का दिल्ली में उपचार के दौरान निधन हो गया. बाबा विजय दास का करीब दो दिन से दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में उपचार चल रहा था. शुक्रवार देर रात करीब 2.30 बजे बाबा ने अंतिम सांस ली. संत ने 20 जुलाई को आत्मदाह किया था. संत की पार्थिव देह नई दिल्ली से यूपी के बरसाना लाई जाएगी, जहां उनकी पोती को संत के अंतिम दर्शन कराए जाएंगे. इसके बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

मान मंदिर के कार्यकारी अध्यक्ष राधाकांत शास्त्री ने बताया कि शनिवार देर रात 2.30 बजे बाबा विजयदास का दिल्ली के अस्पताल में देहावसान हो गया. संत विजय दास हरियाणा में फरीदाबाद जिले के बडाला गांव के रहने वाले थे. साधु बनने से पहले से पहले उनका नाम मधुसूदन शर्मा था. एक हादसे में उनके बेटे और बहू की मौत हो गई थी. इसके बाद परिवार में बाबा और उनकी एक पोती बचे थे. अब सिर्फ पोती रह गई. बेटे और बहू की मौत के बाद वह अपनी पोती को लेकर उत्तर प्रदेश के बरसाना के मान मंदिर आ गए थे. संत विजय दास ने अपनी पोती दुर्गा को गुरुकुल में डाल दिया था. वे संत रमेश बाबा के संपर्क में आए और साधु हो गए. नया नाम मिल – बाबा विजयदास. फिर 2017 में वह धार्मिक मान्यता वाले आदिबद्री और कनकांचल क्षेत्र में खनन को रोकने के लिए शुरू हुए आंदोलन से जुड़ गए.

उन्हें डेढ़ साल पहले पसोपा गांव के पशुपति नाथ मंदिर का महंत बनाया गया. उनके पास मंदिर प्रबंधन की पूरी जिम्मेदारी थी. दिल्ली में पोस्टमार्टम के बाद दोपहर तक उनका पार्थिव शरीर बरसाना लाया जाएगा. निधन की खबर मिलते ही बरसाना में शोक की लहर फैल गई. साधु-संत पहुंचने लगे हैं. बाबा के निकटस्थ संत राधाकृष्ण शास्त्री ने बताया कि अंतिम संस्कार बरसाना में मान मंदिर के पास ही होगा. वहीं, भरतपुर जिला प्रशासन ने पसोपा से साधु-संतों और ग्रामीणों को बरसाना ले जाने के लिए 10 बसों की व्यवस्था की है.

गौरतलब है कि धरना स्थल पसोपा में जब बाबा नारायण दास टावर पर चढ़े हुए थे, उसी दौरान 20 जुलाई को सुबह 11.30 बजे बाबा विजय दास ने ज्वलनशील पदार्थ छिड़ककर स्वयं को आग लगा ली थी. मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने कंबल डाल कर तुरंत आग को बुझाया और उपचार के लिए आरबीएम जिला अस्पताल भेजा था. बाबा विजय दास 80 फीसदी से अधिक झुलस गए थे. आरबीएम जिला अस्पताल में बर्न आईसीयू नहीं होने की वजह से संक्रमण के खतरे को देखते हुए बाबा को जयपुर के एसएमएस अस्पताल के लिए रेफर कर दिया था. बाबा की गंभीर हालत को देखते हुए जयपुर से भी उन्हें एयर एंबुलेंस से दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल पहुंचाया गया था.

 

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