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समाज में संवेदनशीलता जागृत रहनी चाहिए – दत्तात्रेय होसबाले

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पटना. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी ने कहा कि समाज में संवेदनशीलता को जागृत रखना चाहिए. समाज में मूल्यों की स्थापना इसी संवेदनशीलता के कारण हुई है. राजा हरिश्चन्द्र ने सत्य का आवलंबन किया और समाज में सत्य की प्रतिस्थापना हुई. मर्यादा पुरूषोत्तम राम ने पिता के वचन के लिए सभी कष्ट सहे. लोक नायक ने लोकतंत्र की स्थापना के लिए कष्ट सहे और जेल गए. उन्होंने जीवनपर्यन्त कोई लाभ का पद नहीं लिया. ऐसे श्रेष्ठ लोगों के कारण ही जीवन में मूल्यों का निर्माण हुआ. सरकार्यवाह पटना में 24 जनवरी को आयोजित एक कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे.

पटना के हिन्दी साहित्य सम्मेलन सभागार में पंडित राम नारायण शास्त्री की स्मृति में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रकृत्ति द्वारा अच्छे कार्य किसी लाभ के बदले नहीं किये जाते. सूर्य की किरणें किसी लाभ के कारण नहीं फैलती. नदियां अपने दोनों किनारों को किसी लाभ के प्रयोजन से सिंचित नहीं करती. पुष्पों की सुरभि भी उसकी प्रकृति के कारण मिलती है. ऐसे ही श्रेष्ठ जनों का कार्य भी किसी लाभ के कारण नहीं होता. कुछ मिलने के लिए अच्छे काम करना हमारी संस्कृति नहीं है. अच्छा काम करना हमारा धर्म है.

उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि आज हमारा समाज अच्छे कार्यों को प्रश्रय देता है. समाज में अच्छे काम होते हैं और ऐसे अच्छे काम को समाज का आशीर्वाद मिलता है. यह विश्वास समाज में बनाये रखना चाहिए.

कार्यक्रम में साहित्य की सेवा के लिए कवि सत्यनारायण जी एवं समाज की सेवा के लिए सिद्धिनाथ सिंह जी को सम्मानित किया गया. यह कार्यक्रम पंडित राम नारायण शास्त्री की स्मृति में आयोजित किया गया था. राम नारायण शास्त्री जी का जन्म व मृत्यु तथा उनकी धर्मपत्नी की भी मृत्यु 24 जनवरी को ही हुई थी. इसलिए पंडित राम नारायण शास्त्री – स्मारक न्यास द्वारा विगत 43 वर्षों से 24 जनवरी को यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है.

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