गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हिंसक झड़प के पश्चात भारत ने चीन को आर्थिक मोर्चे पर सख्त संदेश दिया है. चीनी कंपनियों को विभिन्न प्रोजेक्टों से बाहर का रास्ता दिखाया है. वहीं, कोरोना वायरस को विश्व में फैलाने के आरोपों के पश्चात चीन विश्व में अलग-थलग पड़ता जा रहा है. विभिन्न देश व कंपनियां चीन को झटका दे रही हैं.
भारत के बाद अब जापान भी चीन को झटका देने की तैयारी कर रहा है. जापान सरकार ने चीन से अपनी कंपनियों को वापस आने के लिए कहा है. इतना ही नहीं जापान इसके लिये कंपनियों को आर्थिक सहयोग भी दे रहा है. कहा जा रहा है कि चीन से जापान की 57 कंपनियां बाहर आ सकती हैं. जापान ने कुछ अन्य देशों से भी कंपनियों को बाहर आने के लिए कहा है.
माना जा रहा है कि जापान ने यह कदम इसलिए उठाया है, ताकि चीन पर उसकी निर्भरता कम हो सके. जापान 57 कंपनियों को वापस अपने देश में लगाने के लिए 53.6 करोड़ डॉलर खर्च करने जा रहा है. जापान ने चीन के अलावा वियतनाम, म्यांमार, थाइलैंड, दक्षिण पूर्व एशियन देशों से अपनी 30 यूनिटों को वापस बुलाने का निर्णय लिया है. निक्केई अखबार की रिपोर्ट के अनुसार सरकार इसके लिए कुल मिलाकर करीब 70 अरब येन खर्च करेगी.
ताइवान ने भी उठाया था यही कदम
चीन के खिलाफ विश्व के अनेक देश एकजुट हो रहे हैं. इससे पहले ताइवान ने 2019 में भी ऐसी ही योजना बनाई थी. उसने अपनी सभी कंपनियों को चीन से वापस बुलाया था. अब जापान भी वही कदम उठा रहा है.
चीन के साथ चल रहे ट्रेड वार को देखते हुए अमेरिका पहले ही अपनी कंपनियां निकालने में जुटा है. अमेरिकी कंपनी एप्पल ने एशिया में पकड़ बनाने के लिए भारत में अपने प्लांट्स को बढ़ाने का निर्णय किया है. इससे पहले चीनी कंपनियों पर शिकंजा कसने के लिए भारत ने 59 ऐप्स पर बैन लगाया था. माना जा रहा है कि भारत कुछ कंपनियों को बाहर का रास्ता दिखा सकता है.