अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान नासा इंटर्न की फोटो में हिन्दू देवी देवताओं की प्रतिमा व चित्र क्या दिखे, कि हिन्दूफोबिक ब्रिगेड के सीने पर सांप लोटने लगे. फोटो से ऐसे चिढ़े कि बेसिर-पैर की टिप्पणियां करने लगे, मॉडर्न हिन्दू की अपनी परिभाषा बताने लगे. हिन्दू, हिन्दुत्व को लेकर उनके मनों में भरा जहर बाहर आने लगा. हालांकि, फोटो पर सकारात्मक प्रतिक्रियाएं भी बहुत थीं, लेकिन जैसे सेकुलर ब्रिगेड की दुखती रग किसी ने दबा दी हो, ऐसे तड़प रहे थे.
दरअसल, नासा ने ट्विटर पर अपने एक इंटर्न की तस्वीर साझा की. तस्वीर में प्रशिक्षु प्रमिता रॉय की टेबल पर हिन्दू देवी-देवताओं की प्रतिमाएं और चित्र सजे थे. प्रतिमा की आस्था से तथाकथित बुद्धिजीवियों को त्योरियां चढ़ना स्वाभाविक था. खुद को सेकुलर बताने वाले नास्तिकों और कम्युनिस्टों को प्रतिमा का भक्ति भाव देख पारा चढ़ गया और अनाप-शनाप टिप्पणियां करने लगे, सिर्फ प्रतिमा पर ही नहीं, बल्कि नासा पर भी. उन्होंने प्रतिमा के वैज्ञानिक होने पर ही संदेह जताया. क्योंकि उनके हिसाब से ‘पढ़े-लिखे वैज्ञानिक’ का आस्था से कोई सरोकार ही नहीं होना चाहिए. प्रतिमा ने विज्ञान में अपनी कर्मठता के कारण ही नासा में जगह प्राप्त की है.
नासा ने प्रतिमा के साथ ही तीन अन्य प्रशिक्षुओं की तस्वीरें भी साझा की हैं. लेकिन सेकुलरों ने निशाना साधा सिर्फ प्रतिमा पर क्योंकि उसकी टेबल पर हिन्दू देवी-देवताओं की प्रतिमाएं थीं. सेकुलरों ने आलोचनाओं की झड़ी लगा दी. किसी ने इस बहाने भगवान राम को लेकर अभद्र टिप्पणी की तो किसी ने अंतरिक्ष में आस्थावान प्रतिमा की प्रतिभा पर ही उंगली उठा दी. कुछ ने कहा कि प्रतिमा को देवी-देवताओं से खुद को घेरे रखने की जरूरत ही क्या है?
नासा ने ऐसी अभद्र टिप्पणियों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. लेकिन एक बात तो पूरी तरफ स्पष्ट है कि यही लोग एक शब्द नहीं बोलते, अगर किसी मुस्लिम या ईसाई प्रशिक्षु की टेबल पर मक्का, मदीना या सलीब लगा होता.
अमेरिका के विश्वविद्यालय हों या इंग्लैंड के, वहां भी बड़े-बड़े प्रोफेसरों ने माहौल में हिन्दू धर्म के प्रति जहर फैलाने में कसर नहीं छोड़ी है. ऑक्सफोर्ड की रश्मि सावंत के साथ जो हुआ, उसे कौन भूला होगा!
हिन्दूफोबिक लॉबी और सेकुलर छात्र गुटों ने पहली बार छात्रसंघ की अध्यक्ष बनी एक छात्रा को विश्वविद्यालय को छोड़कर भारत लौटने पर सिर्फ इसलिए बाध्य कर दिया था कि वह गर्व से जय श्री राम कहती थी.
तथाकथित बुद्धिजीवी अशोक स्वैन को नासा प्रशिक्षु प्रतिमा की आस्था से कुछ ज्यादा ही दिक्कत हुई. उनके ट्वीट को देखकर आपको उनकी बुद्धि का स्तर पता चल जाएगा. वे लिखते हैं, ‘एक हिन्दू बच्ची को हिन्दू देवी-देवताओं से घिरे होने की जरूरत क्यों पड़ी? क्या इनके बिना हम कुछ नहीं कर सकते?’ दिलीप मंडल भी विरोध में शामिल थे. उन्होंने मॉडर्न हिन्दू की परिभाषा गढ़ दी.
Today's the day: applications for fall NASA internships are due!
Are you ready? Visit @NASAInterns and apply at: https://t.co/s69uwyR1LJ pic.twitter.com/CVwFJGYbms
— NASA (@NASA) July 9, 2021
Pic 4: Hindus have the ability to behave in a very instrumental way. So, when it suits them they can act completely modern. And when it suits them they can go back to their tradition, their caste etc. They can hold both the masks together seamlessly. Definition of modern Hindu.
— Dilip Mandal (@Profdilipmandal) July 12, 2021