नई दिल्ली. वामपंथी मीडिया हाउस भारत को बदनाम करने की कोई कसर नहीं छोड़ रहे. बार-बार असफल प्रयासों और थू-थू होने के बाद भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे और झूठी खबरें गढ़ते रहते हैं. उनकी झूठी कहानियां अब अधिक समय तक टिक नहीं पाती. मुख्य धारा की मीडिया से पहले कई बार सोशल मीडिया उनके झूठ की हवा निकाल कर रख देता है. कोरोना वैक्सीन के साथ भी यह थोड़ा अधिक ही हुआ. भारत विरोधी शक्तियां अफवाह फैलाने में लग गई थीं.
खबर फैलाई गई कि साउथ अफ्रीका सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा बनी कोरोना वैक्सीन की 10 लाख डोज वापस करने की तैयारी कर रहा है. तर्क दिया गया कि साउथ अफ्रीका के हेल्थ मिनिस्ट्री का कहना है कि देश में इस समय कोरोना के जिस वैरिएंट के मामले सामने आ रहे हैं, उसके लिए यह वैक्सीन बेअसर है. लेकिन इस झूठ की हवा जल्द ही निकल गई.
साउथ अफ्रीका ने इन रिपोर्ट्स का खंडन किया. साउथ अफ्रीका के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. ज्वेली मखिजे ने स्पष्ट किया कि हमने एस्ट्राजेनेका के टीके सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) को नहीं लौटाए हैं.
साउथ अफ्रीका के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. ज्वेली मखिजे (Dr Zweli Mkhize) ने संसद में कहा, ‘मैं कुछ मीडिया रिपोर्टों को स्पष्ट करना चाहूंगा, जिसमें दावा किया गया है कि हम भारत को कोरोना वायरस के टीके लौटा चुके हैं. हमने एस्ट्राजेनेका के टीके भारत को नहीं लौटाए हैं.’
‘हमने एस्ट्राजेनेका से जो टीके की डोज खरीदी थी, वो अफ्रीकी संघ (AU) को दी जा चुकी हैं, जिसका हम हिस्सा हैं. एयू टीके उन देशों को वितरित करेगा, जिन्होंने पहले ही स्टॉक हासिल करने में रुचि व्यक्त की है.’
वास्तविक खबर सामने आने के पश्चात वामपंथी मीडिया समूहों को अपनी फेक न्यूज वापस लेनी पड़ी.
ऑक्फोर्ड-एस्ट्राजेनका द्वारा निर्मित वैक्सीन का निर्माण पुणे स्थित सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा किया जा रहा है. सीरम इंस्टिट्यूट ने वैक्सीन की 10 लाख डोज की पहली खेप भेजी थी. पांच लाख डोज अगले कुछ हफ्तों में वहां पहुंचने वाली है.
WHO ने दी आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका (Oxford-AstraZeneca) द्वारा विकसित की गई दो कोविड-19 वैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी है. इसमें सीरम इंस्टिट्यूट की वैक्सीन के अलावा दक्षिण कोरिया की एस्ट्राजेनेका-एसकेबायो की वैक्सीन है. डब्ल्यूएचओ (WHO) ने सोमवार को जारी बयान में कहा – ‘ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रेजेनेका की वैक्सीन के दो संस्करणों को आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी गई है ताकि दुनिया भर में कोवैक्स के तहत टीकाकरण को आगे बढ़ाया जा सके.’